‘मोदी-ट्रम्प मुलाकात की वजह से भारत पाकिस्तान के खिलाफ लष्करी कार्रवाई करने की हिम्मत दिखा सकता है’ : पाकिस्तान की चिंता

इस्लामाबाद, दि. २९ : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ लष्करी कार्रवाई करने की हिम्मत कर सकता है, ऐसा ड़र पाकिस्तान ने जताया है| पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने यह ड़र जताकर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के संयुक्त निवेदन पर भी कड़ा ऐतराज़ जताया है| इस निवेदन में, ‘सीमा पार से निर्यात किए जानेवाले आतंकवाद’ का ज़िक्र किया गया था, इसपर पाकिस्तान ने नाराज़गी जताई है| साथ ही, इस वजह से दक्षिण एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती, ऐसा भी पाकिस्तान ने कहा है|

लष्करी कार्रवाईप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की मुलाकात से पहले, अमरीका के विदेशमंत्रालय ने ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’का मुखिया सय्यद सलाहुद्दीन को ‘आंतर्राष्ट्रीय आतंकी’ घोषित किया था। सलाहुद्दीन पाकिस्तान में खुलेआम घुमफिर रहा होकर, अमरीका ने की हुई इस घोषणा की वजह से पाकिस्तान की मुश्कीलें बढ़ी हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है| इसके बाद पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के संयुक्त निवेदन की भी कड़ी आलोचना की है| इस मुलाक़ात में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, कश्मीर मसला हल करने के लिए भारत पर दबाव बनाने का मौका हाथ से गँवाया है, ऐसा खेद पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने जताया है|

भारतीय सेना कश्मीर की जनता पर अत्याचार कर रही है, इस बात को अमरीका अनदेखा कर रही है| साथ ही, दोनों देश के नेता आंतकवाद के लिए पाकिस्तान को ही जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, ऐसी शिकायत करते हुए पाकिसतान के विदेशमंत्रालय ने कहा कि ‘हमारा देश ही आतंकवाद का सबसे बड़ा निशाना बना है|’ आंतर्राष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के मुद्दे पर भेदभाव कर रहा है, ऐसा पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय की ओर से कहा जा रहा है| साथ ही, अमरीका भारत को दे रहे समर्थन की वजह से, आनेवाले समय में भारत पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सैनिकी कार्रवाई करने का साहस कर सकता है, ऐसा डर पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने जताया है|

इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की यह मुलाकात दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए उपकारक साबित नहीं होगी, ऐसा निष्कर्ष पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने निकाला है| इसी दौरान, अमरीका ने भारत को गार्डियन ड्रोन की सप्लाई करने के लिए भी सहमति दर्शाई है और भारी सेना-यातायात करनेवाला ‘सी-१७’ विमान देने की तैयारी भी दिखाई है| अमरीका की ‘लॉक्हीड मार्टिन’ कंपनी ने भारत की ‘टाटा ऍडव्हान्स सिस्टीम’ इस कंपनी के साथ ‘एफ-१६’ विमान की आधुनिक आवृत्ति का निर्माण करने के लिए समझौता किया है| इस वजह से यह विमान भारत में बनाए जायेंगे| इस घटनाक्रम की ओर पाकिस्तान चिंता से देख रहा है और उसका प्रतिबिंब पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय ने दर्ज की प्रतिक्रिया में दिखाई दे रहा है|

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