म्यांमार सेना की कार्रवाई में १० प्रदर्शनकारियों की मौत – ब्रिटेन ने की सुरक्षा परिषद की बैठक की माँग

myanmar-militaryयंगून – म्यांमार की लष्करी हुकूमत ने बुधवार के दिन प्रदर्शनकारियों पर की गोलीबारी के दौरान दस प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। म्यांमार की सेना और पुलिस, देश के सियासी नेता, शिक्षक, छात्र, प्रशासकीय अफसरों की गिरफ्तारी करने में जुटी हैं। साथ ही, कुछ ठिकानों पर पुलिस ने वैद्यकीय कर्मचारियों को मारपीट करने के वीडियोज्‌ भी सामने आ रहे हैं। विश्‍वभर से इन घटनाओं पर प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हो रही हैं और म्यांमार की सेना की तीखीं आलोचना हो रही है। म्यांमार में बनी गंभीर स्थिति को मद्देनजर रखते हुए, संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक का शीघ्रता से आयोजन करने की माँग ब्रिटेन ने की है।

myanmar-militaryम्यांमार की सेना ने १ फ़रवरी के दिन जनतांत्रिक नेता अँग सैन स्यू की समेत देश के प्रधानमंत्री एवं अन्य बड़े नेताओं को हिरासत में लिया था। दो महीनें पहले म्यांमार में हुए चुनाव में, स्यू की की पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन इस चुनाव में गड़बड़ी होने का आरोप करके, म्यांमार की सेना ने देश का नियंत्रण अपने हाथों में लिया था। अपने नेताओं की हुई गिरफ्तारी के बाद म्यांमार की जनता ने सड़कों पर उतरकर उनकी रिहाई की माँग के लिए प्रदर्शन सुरू किए हैं। बुधवार के दिन हुई कार्रवाई के बाद, पिछले महीने से जुंटा हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों पर की हुई कार्रवाई में मारे गए लोगों की संख्या २८ हुई है।

myanmar-militaryम्यांमार की सेना ने सोमवार के दिन स्यू की के खिलाफ दो नए आरोप रखे। इनमें देश के संपर्कविषयक कानून का उल्लंघन और देश में अराजकता फैलाने का उद्देश्‍य रखने के आरोपों का समावेश है। इससे पहले म्यांमार की सेना ने, विदेशी वॉकीटॉकी का इस्तेमाल और कोरोना वायरस के दौर में प्रचार करते समय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप रखे थे। ये आरोप कानून की कसौटी पर खरे उतरनेवाले नहीं, इस बात का एहसास होने के कारण सेना ने स्यू की की नज़रकैद बढ़ाने के लिए और दो नए आरोप रखे हैं। लेकिन, इस वजह से म्यांमार की स्थिति अधिक बिगड़ी है।

myanmar-militaryम्यांमार के सभी प्रमुख शहरों में जुंटा हुकूमत के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में स्कूली और कॉलेज के छात्र भी शामिल हुए हैं और बुधवार के दिन हुई गोलीबारी में १९ वर्ष की महिला छात्रा की मौत हुई। शिक्षक, छात्रों के साथ ही इन प्रदर्शनों में प्रशासकीय अधिकारी, पुलिस और सेना के सैनिक भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। बीते हफ्ते में संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त म्यांमार के राजदूत ने खुलेआम, अपने देश को सेना के कब्जे से रिहा करने की माँग की थी।

इसी बीच, म्यांमार और हाँगकाँग के जनतंत्र समर्थक गुटों ने एक होकर ‘मिल्क टी अलायन्स’ नामक नए गुट का गठन करने की खबरें सामने आ रही हैं।

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