नाटो के सदस्य देश ही हैं आतंकवाद के समर्थक – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष का आरोप

अंकारा – ‘यूरोप के फिनलैण्ड और स्वीडन ही सिर्फ आतंकियों का समर्थन करनेवाले यूरोप के देश नहीं हैं। बल्कि नाटो के सदस्य जर्मनी और फ्रान्स भी आतंकियों के समर्थक हैं’, ऐसा गंभीर आरोप तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने लगाया। नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन कर रहें फिनलैण्ड और स्वीडन ये दोनों देश आतंकियों के समर्थक होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दो दिन पहले लगाया था। इसमें अब जर्मनी और फ्रान्स का समावेश करके तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने सनसनी फैलायी है।

स्वीडन और फिनलैण्ड ये  रशिया के प्रभाव क्षेत्र के देश, नाटो का हिस्सा बनने की तैयारी कर रहे हैं। पिछले ७५ सालों से फिनलैण्ड और स्वीडन ने अमरीका-रशिया विवाद से दूर रहने की नीति अपनाई थी। लेकिन, अब यह तटस्थ नीति छोड़कर फिनलैण्ड और स्वीडन नाटो में प्रवेश करने की तैयारी जुटा रहे हैं। आनेवाले समय में रशिया यूक्रेन की तरह आप पर भी हमलें कर सकता है, ऐसी आशंका जताकर अमरीका और नाटो के अन्य सदस्य देशों ने फिनलैण्ड और स्वीडन को ड़राया था। इसी ड़र के कारण फिनलैण्ड और स्वीडन ने आवेदन करके नाटो की सदस्यता देने की बिनती की है। नाटो के प्रमुख देश ब्रिटेन और जर्मनी ने फिनलैण्ड और स्वीडन को नाटो की सदस्यता देने की प्रक्रिया ‘फास्ट ट्रैक’ करने के संकेत दिए थे। लेकिन, तुर्की समेत नाटो के कुछ अन्य सदस्य देश ही फिनलैण्ड और स्वीडन की सदस्यता का विरोध कर रहे हैं।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इस मुद्दे पर अधिक आक्रामकता दिखाकर, फिनलैण्ड और स्वीडन आतंकवाद के समर्थक होने का आरोप लगाया। तुर्की ने आतंकी संगठन करार दिए ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) के आतंकियों को फिनलैण्ड और स्वीडन आश्रय दे रहे हैं, यह आरोप एर्दोगन ने लगाया था। अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने ‘पीकेके’ को पहले ही आतंकी संगठन घोषित किया हैं। इसके बावजूद फिनलैण्ड और स्वीडन का नाटो में समावेश होना, यह इस संगठन के नियमों के खिलाफ होगा, ऐसी आलोचना एर्दोगन ने की थी। फिनलैण्ड और स्वीडन ने पीकेके पर कार्रवाई करने की गारंटी दी, तो ही उनके नाटो प्रवेश को अनुमति देने का ऐलान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किया था।

इसके दो ही दिनों में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने जर्मनी, फ्रान्स एवं नेदरलैण्डस्‌‍ पर आतंकवाद का समर्थक होने का आरोप लगाया। तुर्की में हमलें कर रही ‘पीकेके’ एवं विद्रोही ‘फेटो’ संगठन को जर्मनी, फ्रान्स और नेदरलैण्डस्‌‍ का समर्थन प्राप्त होने की आलोचना एर्दोगन ने की। फिनलैण्ड, स्वीडन, जर्मनी, फ्रान्स और नेदरलैण्डस्‌‍ की पुलिस तुर्की का द्वेष कर रहे आतंकी संगठनों की सुरक्षा कर रही है, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने लगाया। इसके लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने, पीकेके ने यूरोपिय देशों में आयोजित किए ‘लाँग मार्च’ का हवाला दिया।

इसी बीच, फिनलैण्ड और स्वीडन का नाटो में समावेश करने के खिलाफ तुर्की ने अपनाई भूमिका और अब जर्मनी, फ्रान्स पर लगाए आरोपों की वजह से नाटो में बने मतभेद अधिक तीव्रता से सामने आ रहे हैं।

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