उत्तर कोरिया नए साल में अन्न सुरक्षा और विकास पर जोर देगा – तानाशाह किम जाँग उन का ऐलान

north-korea-food-security-2प्योनगैंग/सेऊल – उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन ने नए वर्ष में अन्न सुरक्षा और आर्थिक विकास पर जोर देने का ऐलान किया है। अब तक अपने भाषण में परमाणु हथियारों का निर्माण एवं अमरीका और दक्षिण कोरिया को युद्ध की धमकियाँ देनेवाले किम जाँग उन में हुआ यह बदलाव ध्यान आकर्षित कर रहा है। उत्तर कोरिया के तानाशाह के नीति में बदलाव करने के संकेत मिल रहे हैं और ऐसे में दक्षिण कोरियन नेतृत्व ने भी शांति एवं युद्ध खत्म करने का स्थायी समझौता करने के लिए कोशिश करने की तैयारी दर्शायी है।

कुछ दिन पहले उत्तर कोरियन हुकूमत का अधिवेशन हुआ। इस दौरान किम जाँग उन का भाषण सबको चौंकानेवाला साबित हुआ। इस भाषण में किम जाँग ने देश के सामने जीने-मरने का मसला खड़ा होने का अहसास दिलाया। वर्ष २०२१ की स्थिति काफी कठिन थी और अगले दिनों में अपनी हुकूमत अन्न-धान की समस्या का हल निकालने को प्राथमिकता देगी, ऐसा किम जाँग उन ने कहा है। अब आर्थिक विकास करना ही देश का प्रमुख ध्येय रहेगा, यह दावा भी उन्होंने किया।

कोरोना का सीधे ज़िक्र किए बिना इस महामारी के खिलाफ संघर्ष करना भी हमारी हुकूमत के सामने का अहम उद्देश्‍य रहेगा, ऐसा उत्तर कोरिया के तानाशाह ने आगे कहा। देश की रक्षा क्षमताओं की जानकारी प्रदान करके इसे मज़बूती प्रदान होगी, यह भी किम जाँग उन ने कहा है। लेकिन, पूरे भाषण में उन्होंने मिसाइल परीक्षण या परमाणु क्षमता बढ़ाने का और अमरीका के खिलाफ धमकी  का ज़िक्र भी ना करने की बात कही जा रही है। किम जाँग उन ने पिछले १० वर्षों में किए प्रमुख भाषणों का विचार करें तो यह बात ध्यान आकर्षित करनेवाली होने का बयान विश्‍लेषकों ने किया है।

north-korea-food-security-1अन्न सुरक्षा और आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने के संकेत उत्तर कोरिया की अधिकाधिक बिगड़ती ड़रावनी स्थिति का निदर्शक हो सकते हैं, यह दावा भी किया जा रहा है। वर्ष २०२० एवं २०२१ में लगातार दोनों वर्षों में उत्तर कोरिया को बड़े चक्रवात और सूखे ने नुकसान पहुँचाया है। इन नैसर्गिक आपदाओं के कारण उत्तर कोरिया में खेती का काफी बड़ा नुकसान हुआ है। इससे अनाज का उत्पाद कम हुआ है और उत्तर कोरिया की ६० प्रतिशत से अधिक जनता के लिए पर्याप्त अन्न उपलब्ध ना होने की बात कही जा रही है। वर्ष २०२१ में उत्तर कोरिया को आवश्‍यक अनाज की तुलना में ८ लाख टन धान की किल्लत हुई थी, यह जानकारी प्रदान की गई है।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर चीन की सीमा बंद करने से इस देश से हो रहा आयात और सहायता पर भी बड़ा असर पड़ा है। भूखमरी एवं कुपोषण की वजह से हो रही मौतों की संख्या बढ़ रही है। इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए कम से कम जनता को राहत देने के लिए किम जाँग उन ने अन्न सुरक्षा एवं आर्थिक विकास का आश्‍वासन दिया होगा, ऐसी कड़ी संभावना जताई जा रही है।

उत्तर कोरिया की जनता भूखमरी का सामना करने की बात पहले भी सामने आयी थी। लेकिन, इसकी तीव्रता अब चिंताजनक स्तर तक बढ़ने की बात से इन्कार करना तानाशाह किम जाँग उन के लिए भी कठिन हुआ है। इसी कारण वे इस स्थिति का संज्ञान लेने के लिए मज़बूर हैं और ऐसे में उन्होंने अपनी जनता को इस मसले पर आश्‍वस्त करने की कोशिश की है, ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं।

इसी बीच, दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष मून जाए इन ने उत्तर कोरिया के साथ शांति प्रक्रिया शुरू करने के लिए फिर से कोशिश करने की तैयारी दिखाई है। उत्तर कोरिया का उचित रिस्पान्स ना होने के बावजूद राष्ट्राध्यक्ष मून का यह ऐलान ध्यान आकर्षित कर रहा है। उत्तर कोरिया के साथ लंबे समय के लिए शांति करने के लिए हम एवं हमारा प्रशासन कदम उठाएगा, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष मून ने कहा है।

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