नशीले पदार्थों के खिलाफ जारी जंग में जनता भी शामिल हो – केंद्रीय गृह मंत्री का आवाहन

बेंगलुरू – देश को साल २०२५ तक पांच ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्वयस्था बनाने के लिए नशीले पदार्थों के खिलाफ जारी जंग बड़ी अहम होने का बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शहा ने किया है। इसी वजह से केंद्र सरकार नशीले पदार्थों के खिलाफ जंग को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही हैं और देश को नशीले पदार्थों से मुक्त करने की कोशिश में लगी है, ऐसा गृह मंत्री शहा ने कहा। पाकिस्तान और ईरान इन देशों से नशीले पदार्थों से भरे जहाज़ श्रीलंका जैसे देश में दाखिल होते हैं और इसे तस्करी के ज़रिये भारत पहुंचाया जाता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अहम समस्या है, इसपर भी केंद्रीय गृह मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। यह जंग सीर्फ सरकार और यंत्रणाओं की नहीं हैं, बल्कि जनता भी इस नशीले पदार्थ विरोधी जंग में शामिल हो, ऐसा आवाहन गृह मंत्री ने किया।

कर्नाटक के बेंगलुरू में ‘नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ का आयोजन किया गया। इस परिषद में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने नशीले पदार्थों के व्यापार का मसला भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हैं, ऐसा इशारा उन्होंने दिया। यह सीर्फ राज्य अथवा देश एवं सरकारी यंत्रणाओं की समस्या नहीं हैं। बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या हैं। इसी वजह से इसके विरोध में जनता का योगदान अहम होगा, ऐसा दावा केंद्रीय गृह मंत्री ने इस दौरान किया। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों से नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ सख्त प्रावधान करना शुरू किया है और इसका असर भी दिखाई देने लगा है, इसपर गृह मंत्री शहा ने ध्यान आकर्षित किया।

साल २०१४ से २०२२ तक नशीले पदार्थों से जुड़े दर्ज़ मामलों की संख्या १८१ प्रतिशत बढ़ी है। साथ ही नशीले पदार्थों का व्यापार करनेवालों की गिरफ्तारी की मात्रा भारी ३०० प्रतिशत बढ़ी है। नशीले पदार्थों का व्यापार कर रहे छोटे से छोटे और बड़े से बड़े तस्कर के विरोध में कार्रवाई की जा रही है। नशीले पदार्थों की खोज़ करके, इन्हें जब्त और बाद में नष्ट करना, इससे संबंधित गुनाहगारों की गिरफ्तारी करके इस नशे में फंसे लोगों को इससे बाहर निकालने कोशिश करने जैसे विभिन्न स्तरों पर सरकार काम कर रही हैं। नशीले पदार्थों को लेकर ‘ज़ीरो टोलरन्स’ यानी नशे का कारोबार बिल्कुल भी बर्दाश्त ना करने की नीति केंद्र सरकार ने अपनाई है, ऐसी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रदान की।

पाकिस्तान और ईरान से समुद्री मार्ग के जरिये नशीले पदार्थों से भरें जहाज़ श्रीलंका और अफ्रीकी देश भेजे जाते हैं। जब तक इसे रोका नहीं जाता, तब तक भारत में नशीले पदार्थों का पहुंचना बंद करना मुमकिन नहीं होगा। इस वजह से नशीले पदार्थों का यह नेटवर्क खत्म करना आवश्यक है, यह कहकर गृह मंत्री ने इसकी बुनियादी समस्या पर ध्यान आकर्षित किया।

छापे करके जब्त किए गए नशीले पदार्थ नष्ट करने का अभियान गतिमान किया गया है, यह जानकारी अमित शहा ने साझा की। साल २०२२ के जून महीने से अबतक करीबन ५ लाख, ९४ हज़ार, ६२० किलो नशीले पदार्थ नष्ट किए गए हैं और बाज़ार में इसकी कीमत ८,४०९ करोड़ रुपये थी, ऐसा शहा ने कहा।

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