अज़रबैजान से नया युद्ध होने की संभावना बढ़ रही है – आर्मेनिया के प्रधानमंत्री का इशारा

बाकू – ‘नागोर्नो-काराबाख’ के विवाद का हल निकालकर आर्मेनिया-अज़रबैजान के बीच शांति स्थापित करना अभी भी मुमकिन नहीं हुआ है, ऐसा बयान आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनीयान ने किया है। तुर्की, इस्रायल से अज़रबैजान को प्राप्त हो रही सैन्य सहायता की पृष्ठभूमि पर आर्मेनिया यह चेतावनी देता दिख रहा है।

अज़रबैजान से नया युद्ध होने की संभावना बढ़ रही है - आर्मेनिया के प्रधानमंत्री का इशारापिछले तीन सालों में आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच ‘नागोर्नो-काराबाख’ के नियंत्रण को लेकर दो युद्ध हुए हैं। वर्ष २०२० में हुए छह दिनों के युद्ध में दोनों देशों के करीबन सात हजार सैनिक मारे गए थे। अमरीका, रशिया और यूरोपिय महासंघ ने मध्यस्थता करके आर्मेनिया-अज़रबैजान का युद्ध विराम करवाया था। लेकिन, अभी भी इन दो देशों का विवाद खत्म नहीं हुआ है।

जुलाई महीने के शुरू में अज़रबैजान ने आर्मेनिया और नागोर्नो-काराबाख को जोड़ने वाला लाचिन कॉरिडोर बंद किया था। इसके लिए कुछ दिनों तक दोनों देशों में तनाव निर्माण हुआ था। साथ ही तुर्की, इस्रायल और पाकिस्तान यह देश अज़रबैजन को शस्त्र सज्ज कर रहे हैं, यह आरोप आर्मेनिया ने लगाया था। अज़रबैजान से नया युद्ध होने की संभावना बढ़ रही है - आर्मेनिया के प्रधानमंत्री का इशारावहीं, अज़रबैजान फिर एक बार आर्मेनियन्स का वंश संहार करने की तैयारी में होने का आरोप आर्मेनिया ने लगाया था।

प्रधानमंत्री निकोल ने शनिवार को दिए अपने नए इशारे में भी इस वंश संहार का ज़िक्र किया। अज़रबैजान ने काराबाख में अपना खुफिया अड्डा स्थापित किया है। इसकी सहायता से अज़रबैजान इस क्षेत्र में वंश संहार कर सकता है और यह उसी की तैयारी होने का आरोप आर्मेनिया के प्रधानमंत्री ने लगाया है। यह सभी टालना हैं तो आर्मेनिया और अज़रबैजान का शांति समझौता होना ज़रूरी है। नहीं तो दोनों देशों में नया युद्ध होने की संभावना को ठुकराया नहीं जा सकता, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री निकोल ने दी है।

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