इम्रान की सरकार और सेना के विरोध में पाकिस्तान में तीव्र प्रदर्शनों की तैयारी

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान की ‘नए पाकिस्तान’ की कल्पना बिल्कुल चूचूर हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के दो भाषणों ने पाकिस्तान की सियासत में बड़ी उथल-पुथल हुई है और इम्रान खान चुने हुए नहीं बल्कि नियुक्त किए गए प्रधानमंत्री होने के नारे पाकिस्तान में तीव्र होने लगे हैं। बलोच, सिंधी और पश्‍तू जनता ने पाकिस्तान की सरकार और सेना के विरोध में नए प्रदर्शनों की तैयारी करने के समाचार सामने आ रहे हैं। तभी सरकार और सेना के विरोध में होनेवाले इन प्रदर्शनों में पीओके के स्थानीय और सिंध प्रांत के मोहाजिर भी शामिल हों, यह निवेदन किया जा रहा है। इससे आनेवाले दिनों में पाकिस्तान में बड़े ज़ोरदार प्रदर्शन होने की संभावना है।

इम्रान की सरकार

दो सप्ताह पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पाकिस्तानी सेना के विरोध में बड़ा मोर्चा खोला था। देश की दुरावस्था के लिए पाकिस्तानी सेना ही ज़िम्मेदार होने का आरोप करके शरीफ ने पाकिस्तान के सभी विरोधी गुटों को एक होने का निवेदन किया था। ‘पिपल्स डेमोक्रैटिक मुवमेंट’ यह पाकिस्तान के विरोधी दलों का नया गठबंधन है और मौलाना फज़लूर रहमान के हाथों में इस गठबंधन का नियंत्रण दिया गया है। इम्रान की सरकार और सेना के विरोधी गुटों का नेतृत्व मौलाना फज़लूर के हाथों में देने से पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक चिंता जताने लगे हैं। मौलाना फज़लूर के नेतृत्व में एक हो रहे विरोधी दलों ने अगले कुछ ही दिनों में पाकिस्तानी सरकार और सेना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शनों का आयोजन करने का ऐलान किया है।

इम्रान की सरकार

इस देशव्यापी प्रदर्शन के साथ पाकिस्तान में स्वतंत्र बलोचिस्तान, सिंधदेश और पख्तुनिस्तान के नारे भी तीव्र हो रहे हैं। दो दिन पहले पाकिस्तान की सरकार ने सिंध प्रांत को लेकर घोषित एक निर्णय के बाद स्वतंत्र सिंधदेश का नारा अधिक मज़बूत हुआ है। ‘पाकिस्तान पिपल्स पार्टी’ (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुत्तो ने सरकार और सेना के विरोध में लड़ाई तीव्र करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान की सरकार ने सिंध प्रांत के दो द्विपों पर कब्जा करने का निर्णय घोषित किया। इस पर सिंध प्रांत की सरकार स्थापित करनेवाली ‘पीपीपी’ ने आपत्ति जताई है और इम्रान खान की सरकार सिंध प्रांत को लूट रही है, यह आलोचना बिलावल भुत्तो ने की है। पाकिस्तान की सरकार के इस निर्णय के विरोध में पाकिस्तान के राष्ट्रवादी गुट, संगठन, साहित्यीक और विश्‍लेषक एक हुए हैं और देशव्यापी प्रदर्शनों के आवाहन को बड़ा रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है।

तभी बलोचिस्तान प्रांत के ‘बलोच लिब्रेशन फ्रंट’ के प्रमुख अल्ला नज़र बलोच ने सरकार और सेना के विरोधी प्रदर्शनों में सभी गुट शामिल हों, यह आवाहन किया है। ‘पाकिस्तान देश नहीं बल्कि आतंकवाद का स्रोत और अत्याचारों का केंद्र है’, यह आलोचना बलोच ने की है। इस आतंकवाद का असर अपने बच्चों पर एवं घर की महीला समाज पर हो रहा है और इसे रोकना हो तो बलोच, सिंधी एवं पश्‍तू नागरिकों के साथ मोहाजिर और पीओके की जनता भी यह प्रदर्शन शुरू करें, यह माँग बलोच ने की है। इसके अलावा विश्‍वभर में भी बलोच, सिंधी और पश्‍तू जनता ने इम्रान की सरकार और सेना के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

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