गिलगित-बाल्टिस्तान, पीओके में हुए पाकिस्तान के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन

मुझफ्फराबाद – गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत घोषित करने की तैयारी में जुटे पाकिस्तान को पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता के तीव्र विरोध का मुकाबला करना पड़ रहा है। रविवार के दिन ‘पीओके’ के मुझफ्फराबाद, गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा और कराची में इसके विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए। साथ ही लाहोर और इस्लामाबाद में भी जल्द ही प्रदर्शन किए जाएंगे। यह विरोध देखकर इम्रान खान की सरकार के पैरों तले ज़मीन खिसकने लगी है, यह दावे भी किए जा रहे हैं।

gilgit-baltistanगिलगित-बाल्टिस्तान को जल्द ही पांचवा प्रांत घोषित करने का ऐलान पाकिस्तान के एक मंत्री ने किया था। साथ ही प्रधानमंत्री इम्रान खान जल्द ही इस क्षेत्र की यात्रा करेंगे और इससे संबंधित औपचारिक ऐलान करेंगे, यह घोषित किया गया था। तभी से गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान में शामिल करने के लिए शुरू की गई इन गतिविधियों के विरोध में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में बड़ा विवाद भड़क उठा है। रविवार के दिन पीओके के मुझफ्फराबाद, गिलगित-बल्टिस्तान के हुंजा और कराची में जोरदार प्रदर्शन हुए।

जम्मू-कश्‍मीर लिब्रेशन फ्रंट और स्टुडंट लिब्रेशन फ्रंट ने इन प्रदर्शनों का आयोजन किया था। हम अपनी जान देंगे लेकिन, पाकिस्तान को इस क्षेत्र का दर्जा बदलने नहीं देंगे, यह इशारा भी गिलगित-बाल्टिस्तान के नेता दे रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान ने हिरासत में लिए हुए बाबा जान नामक मानव अधिकार कार्यकर्ता के साथ अन्यों को रिहा करें, यह माँग भी प्रदर्शनकारियों ने करना जारी रखा है। असिरन-ए-कुंझा रिहाई कमिटी ने इस माँग के लिए डायमर, दराल, खुंजेराब में जल्द ही बड़े प्रदर्शनों का आयोजन करने का ऐलान किया है। साथ ही कराची, इस्लामाबाद और लाहोर में प्रदर्शन करने का इशारा भी दिया है।

gilgit-baltistanबीते कुछ दिनों से गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान में शामिल करने के लिए हो रही पाकिस्तान की गतिविधियों के विरोध में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता काफी गुस्सा हुई है। गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान का अंग नहीं है, यह बात ड़टकर कही जा रही है। इस निर्णय के विरोध में सभी सियासी दल, संगठन और इस क्षेत्र की जनता एक होती दिखाई दे रही है।

कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा गिलगित-बाल्टिस्तान के दौरे पर थे तभी हुंजा में बड़े प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने काराकोरम हायवे पर चक्काजाम किया था। यह विरोध देखकर इम्रान खान की सरकार के पैरों तले ज़मीन खिसक रही है, यह दावे किए जा रहे हैं। यहां की जनता कर रही तीव्र विरोध पाकिस्तान को बड़े संकट में धकेलनेवाला साबित होगा, यह इशारा पाकिस्तान के ही विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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