हिजाब सख्ति विरोधी प्रदर्शनों को लेकर ईरान की हुकूमत में गंभीर मतभेद – रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के अधिकारी का दावा

तेहरान – पिछले १०८ दिनों से जारी हिजाब सख्ति विरोधी प्रदर्शनों के मुद्दे पर ईरानी हुकूमत एवं रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ में ही अब मतभेद निर्माण हुए हैं। इसकी वजह से पिछले साढेतीन महीनों से प्रदर्शन कामयाब हो रहे हैं, ऐसा आरोप रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के दो अधिकारियों ने लगाया। ईरान की हुकूमत पर निष्ठा रखनेवाले रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के अधिकारियों द्वारा यह जानकारी साझा करने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

ईरान में राजनीतिक सर्वाधिकार रखने वाले सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्ला अली खामेनी असफल रहे और यह ईरान के सिद्धांतों के लिए उचित ढ़ंग से खड़े नहीं रहे हैं, इस विचार में ईरान के कुछ वरिष्ठ अधिकारी हैं। ईरान में अब तक सर्वोच्च धर्मगुरू पद के व्यक्ति पर आलोचना करना यानी ईश-निंदा जैसा अपराध माना जाता था। लेकिन, हिजाब सख्ति विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद स्थिति बदल गई है। खामेनी के निषेध में खुलेआम नारे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा खामेनी के करीबी भी अब उनके खिलाफ हो चुके हैं और उनकी नीति पर असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। ईरान के दो अधिकारियों ने साझा की हुई इस जानकारी के कारण ईरान की हुकूमत की नीति का कार्यान्वयन करने वाले एवं इसके खिलाफ हो रहे, ऐसे दो प्रवाह फिलहाल ईरान में होने की बात स्पष्ट हुई है।

खामेनी के विचारों से असहमत नेता और अधिकारियों की आलोचना कर रहे अधिकारी का वीडियो ईरान में हाल ही में वायरल हुआ था। ईरान के ‘इमाम हुसेन ट्रेनिंग ऐण्ड ऑफिसर कॉलेज’ के पूर्व उप-कमांडर हमीद अबाज़ारी ने इस वीडियो के माध्यम से प्रदर्शनों के विरोधी भूमिका अपनाने से दूर रहने वालों की आलोचना की है। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के कुछ अधिकारी हुकूमत विरोधी प्रदर्शनों के मूक समर्थक थे, ऐसा गंभीर आरोप अबाज़ारी ने लगाया। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के प्रवक्ता ने पूर्व अधिकारी अबाज़ारी ने लगाया हुआ आरोप खारिज किया है। लेकिन, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैनात वरिष्ठ कमांडर घोलामहुसेन घेयपरवार ने भी ईरानी हुकूमत के कुछ उच्च पदस्थ प्रदर्शनों पर शांत रहे, ऐसी आलोचना की।

इन प्रदर्शनों की आलोचना की तो पूरे विश्व में अपनी छबि बिगड जाएगी, हमारा बहिष्कार किया जाएगा, इसी ड़र से कुछ उच्च पदस्थ व्यक्ति प्रदर्शनों पर बयान नहीं कर रहे थे, ऐसा आरोप घेयपरवार ने लगाया। ‘ईरान के सामने आर्थिक समस्याएं हैं, महंगाई, बेरोजगारी जैसे अन्य मसले भी हैं। लेकिन, इसका मतलब कोई भी आकर ईरान की हुकूमत पर प्रहार नहीं कर सकता’, इन शब्दों में घेयपरवार ने सरकार विरोधी प्रदर्शन एवं हुकूमत के अपने समर्थकों की आलोचना की। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के दो अधिकारियों ने ईरानी हुकूमत में निर्माण हुए इन मतभेदों की जानकारी सार्वजनिक करना बड़ी गंभीर बात है।

इसी बीच, पिछले तीन महीनों से ईरान में हुकूमत के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की वजह से ईरान की राजनीतिक और सुरक्षा यंत्रणाओं के बीच बड़ी दरारें निर्माण होने का दावा ‘अमरिकन इंटरप्राईजेस इन्स्टीट्यूट’ नामक अध्ययन मंडल के ‘क्रिटिकल थ्रेटस्‌ प्रोजेक्ट’ ने किया है। इसी बीच हुकूमत विरोधी कामयाब हुए इन प्रदर्शनों की वजह से ईरानी जनता के मन में सेना और पुलिस का ड़र अब खत्म हुआ है, ऐसा इशारा ईरान की वृत्तसंस्था ने दिया था। इसी बीच आनेवाले दौर में इन प्रदर्शनों से प्रेरणा प्राप्त करने वाली ईरानी जनता आर्थिक सुधार के लिए इससे भी अधिक आक्रामक प्रदर्शन शुरू कर सकती है, यह दावा ईरान के सर्वोच्च नेता को सलाह देने वाली काउन्सिल के सदस्य  मोहम्मद सद्र ने कुछ दिन पहले ही दी थी।

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