युरोप के बाल्कन क्षेत्र के ‘बोस्निया अ‍ॅण्ड हर्झेगोविना’ में होने जा रहे संभाव्य संघर्ष के विरोध में अमरीका और युरोप में प्रदर्शन

साराजेव्हो – युरोप के बाल्कन क्षेत्र के ‘बोस्निया अ‍ॅण्ड हर्झेगोविना’ में फिर एक बार हिंसा और अस्थिरता पैदा होने के संकेत मिल रहे होकर, उसके विरोध में सोमवार को दुनिया के 14 देशों में प्रदर्शन किए गए। युरोपीय महासंघ और अमरीका इस मुद्दे पर सक्रिय भूमिका अपनाकर संभाव्य संघर्ष को टालें, ऐसी माँग प्रदर्शनकारियों ने इस समय की। पिछले कुछ महीनों में इस देश के सर्बवंशियों का प्रतिनिधित्व करने वाले मिलोरॅड डॉडिक ने, ‘रिपब्लिका सपर्स्का’ इस प्रांत को स्वतंत्र देश के रूप में घोषित करने की दिशा में गतिविधियाँ शुरू की हैं।

Bosnia-Protestsबोस्निया अ‍ॅण्ड हर्झेगोविना को आजादी मिलने के बाद लगातार यहां पर वांशिक तनाव होकर, ‘बोस्नियन’, ‘सर्बियन’ तथा ‘क्रोएट्स’ के बीच लगातार मुठभेड़ होने की बात सामने आई है। पिछले कुछ सालों में सर्बियन वंश के गुट अधिक आक्रामक हुए हैं। उनका प्रतिनिधित्व करनेवाले राष्ट्राध्यक्ष मिलोरॅड डॉडिक ने ‘रिपब्लिका सपर्स्का’ इस प्रांत को स्वतंत्र देश बनाने की कोशिशें शुरू की है। इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वतंत्र यंत्रणा का गठन किया होकर, सर्बवंशियों का अलग बल स्थापन करने की योजना भी बनाई होने की बात सामने आ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर, बोस्निया अ‍ॅण्ड हर्झेगोविना के बोस्नियन तथा क्रोएट्सवंशियों में डर का माहौल निर्माण हुआ है। 1990 के दशक में सर्बवंशियों ने किये वंशसंहार का एहसास होनेवाले नागरिकों ने, नईं गतिविधियाँ और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय की दखलअंदाज़ी इस पर तीव्र नाराज़गी ज़ाहिर की है। सोमवार को अमरीका और युरोप में हुए प्रदर्शनों में सहभागी हुए लोगों ने यही भावना ज़ाहिर की। सभी बोस्नियन एक होकर, देश का विघटन करना चाहनेवाली ताकतों के ख़िलाफ आवाज़ उठायेंगे, ऐसा दावा प्रदर्शनकारियों ने इस समय किया।

सर्बवंशियों के नेता होनेवाले डॉडिक की आक्रामकता के पीछे रशिया और सर्बिया इन देशों का समर्थन होने की बात मानी जाती है। युरोपीय महासंघ तथा नाटो का युरोप में विस्तार होने की बात को रशिया का विरोध है। इसी विरोध के एक भाग के रूप में रशिया बाल्कन देशों के वांशिक गुटों को प्रोत्साहन दे रहा है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जाता है। युरोपीय संघ की अनास्था के कारण रशिया की नीति को अधिक ताकत मिल रही है, ऐसा आरोप भी किया जा रहा है। कुछ महीने पहले अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त हुए ख्रिस्तिअन श्मिड्ट ने बोस्निया ऍण्ड हर्झेगोविना के विघटन की चेतावनी दी थी। अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने यदि समय पर गतिविधियाँ नहीं कीं, तो इस भाग में फिर से युद्ध शुरू हो सकता है और अलगाववाद की प्रक्रिया को ताकत मिलेगी, यह भी श्मिड्ट ने जताया था।

पिछली सदी के आखिरी दशक में ‘रिपब्लिक ऑफ युगोस्लाव्हिया’ का विघटन हुआ था। इस विघटन के बाद भड़के हुए संघर्ष में से सात देशों का निर्माण हुआ था। उनमें क्रोएशिया, स्लोवेनिया, सर्बिया, नॉर्थ मॅसिडॉनिआ, बोस्निया ऍण्ड हर्झेगोविना, माँटेनेग्रो तथा कोसोवो का समावेश है।

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