ईंधन उत्पादक देशों की ‘ओपेक’ संगठन से कतार बाहर

Third World Warदोहा/वियना: खाडी क्षेत्र में प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर जाने जा रहे ‘कतार’ ने विश्‍व के ४४ फिसदी ईंधन का नियंत्रण कर रहे ईंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ संगठन से बाहर निकलने का निर्णय किया है| कतार के ऊर्जा मंत्री साद अल काबी इन्होंने यह ऐलान किया| पिछले वर्ष से ‘ओपेक’ पर नियंत्रण कर रहे सऊदी अरेबिया के साथ शुरू विवाद की पृष्ठभुमि पर कतार ने यह निर्णय किया है, ऐसा माना जा रहा है| लेकिन कतार ने ओपेक से बाहर होने के लिये, अपने नैसर्गिक ईंधन वायु क्षेत्र पर ध्यान केंद्रीत करने का कारण आगे रखा है|

‘१ जनवरी, २०१९ के दिन ओपेक संगठन से कतार बाहर होगा| कतार के लिये यह निर्णय यानी नीति और तकनिकी दृष्टी से हुआ बदलाव है| इस के पीछे राजनीतिक उद्देश्य नही है| कतार पर पिछले १८ महीनों से राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगाये है, इन निर्बंधों से ओपेक से बाहर होने का निर्णय संबंधित नही है, इन शब्दों में कतार के ऊर्जा मंत्री ने अपना देश ‘ओपेक’ से बाहर निकल रहा है यह ऐलान किाया| साथ ही इस के आगे कतार नैसर्गिक ईंधन वायु क्षेत्र पर अपना ध्यान देगा, यह भी ऊर्जा मंत्री साद अल काबी इन्होंने कहा|

ईंधन, उत्पादक, देशों, ओपेक, संगठन, कतार, बाहरफिल हाल कतार हर साल ७.७ करोड टन नैसर्गिक वायु उत्पादित कर रहा है| पिछले कुछ वर्षों में यह क्षेत्र विकसित कर के इंधन वायु का उत्पादन ११ कोटी टनों तक बढाने की योजना है| इस के लिये कतार आगे कोशिष करेगा, यह अल काबी इन्होंने स्पष्ट किया| फिल हाल नैसर्गिक ईंधन वायु का उत्पादन कर रहे देशों में कतार तिसरे स्थान पर है और इस देश में लगभग २४ लाख कोटी घनमीटर से अधिक ईंधन वायु का भांडार है, यह बताया जा रहा है|

इस हफ्ते में वियना में ‘ओपेक’ की बैठक हो रही है और इस बैठक के पहले ही कतार ने संगठन से बाहर होने का किया ऐलान खलबली मचाने वाला साबित हुआ है| इस के पहले ‘इक्वेडोर’, गॅबोन, ‘इंडोनेशिया’ इन देशों ने कुछ समय के लिये ‘ओपेक’ से बाहर होने का निर्णय किया था| लेकिन यह देश फिर से ‘ओपेक’ में बतौर सदस्य शामिल हुए थे| लेकिन कतारने ओपेक की सदस्यता हमेशा के लिये त्याग ने के स्पष्ट संकेत दिए है|

कतार के इस निर्णय के पीछे नैसर्गिक ईंधन वायु क्षेत्रात ‘ओपेक’ की तरह स्वतंत्र गुट स्थापित करने का हेतु, यह भी कारण हो सकता है यह कहा जा रहा है| पिछले कुछ वर्षों से इंधन वायु क्षेत्र के प्रमुख रशिया की इस दिशा से कोशिष हो रही है| इस मुद्दे पर रशिया ने ईरान, कतार और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ चर्चा शुरू की है, यह दावा भी किया जा रहा है| लेकिन, किसी भी देश ने इन दावों का पुख्ता समर्थन नही किया है| कतार ‘ओपेक’ से बाहर निकलने के बाद इस संबंधित कोशिषों को गति मिलने की संभावना है|

कतार ने नीति के तहेत ओपेक से बाहर पडने का निर्णय किया है, यह स्पष्ट किया है फिर भी इसके पीछे पिछले वर्ष से शुरू सौदी-कतार विवाद यह भी एक प्रमुख कारण है| पिछले जून महीने से खाडी क्षेत्र के इन दो इस्लामी देशों के बीच कडा विवाद शुरू है और सऊदी अरेबिया ने अपने अरब मित्र देशों की सहायता से कतार पर आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाये थे| खाडी क्षेत्र की विकसित और समृद्ध अर्थव्यवस्था हुए कतार ने इन प्रतिबंधों का सफलता से सामना किया है और इस कारण बना तनाव अब भी कायम है| इस मामले में अमरिका और अन्य देशों ने की मध्यस्थता की कोशिष भी सफल नही हो सकी थी|

इस पृष्ठष्भुमि पर, खाडी क्षेत्र के अरब इस्लामी देशों के वर्चस्व में रहे ‘ओपेक’ जैसे अहम संगठन से बाहर होने का कतार का निर्णय इन देशों में दरार पडने संकेत दे रहा है| साथ ही इस घटना से अरब देशों में सब कुछ अच्छा नही है, यह संदेश विश्‍वभर पहुंचा है| इस के साथ ही आने वाले समय में इस क्षेत्र के समीकरणों में काफी बडा बदलाव होगा, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे है|

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