चीन और रशिया से ‘अमेरिकन सुएज़’ को खतरा – अलास्का के गवर्नर का इशारा

जुनेऊ – मालवाहक ‘एवर गिवन’ जहाज़ बीते हफ्ते सुएज़ कनाल में फंसने के बाद विश्‍व की समुद्री यातायात पर असर हुआ था। वैश्विक यातायात में से १२ प्रतिशत यातायात इस सुएज़ कनाल से होती है। लेकिन, भविष्य में इससे अधिक सामान की यातायात की क्षमता वाले ‘अमेरिकन सुएज़’ यानी आर्क्टिक क्षेत्र को बड़ा खतरा निर्माण हुआ है। चीन और रशिया इस अमेरिकन सुएज़ पर कब्ज़ा कर सकते हैं, ऐसा इशारा अलास्का के गवर्नर माईक डनलेवी ने दिया। साथ ही अमरिकी प्रशासन इसके लिए जल्द कदम उठाए, ऐसा आवाहन भी डनलेवी ने किया।

एक अमरिकी अखबार के लिए लिखे आर्टिकल में गवर्नर डनलेवी ने अलास्का की सुरक्षा के लिए अमरीका ने तुरंत योजना बनाने की जरुरत की बात कही है। हिमपर्वतों से भरे आर्क्टिक के नॉर्दन सी क्षेत्र से मालवाहक यातायात फिलहाल कठिन है। लेकिन, भविष्य में यह स्थिति बरकरार नहीं रहेगी।

अगले ३० वर्षों में इस समुद्री क्षेत्र के हिमपर्वतों के अड़ंगे दूर होंगे और यहां से वैश्विक व्यापारी यातायात बड़ी मात्रा में हो सकेगी, ऐसा दावा पनामा के कनाल से हो रही यातायात कम होगी और इसका सबसे अधिक लाभ अमरीका को होगा, ऐसा डनलेवी का कहना है। इसका विचार करके अमरीका ने रणनीतिक कदम उठाने का यही अवसर है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के ‘डायनेमिक्स’ बदलने के लिए कदम उठाए, ऐसा आवाहन डनलेवी ने किया है।

चीन और रशिया ने आर्क्टिक पर अपना अधिकार जताकर इस क्षेत्र के लिए स्वतंत्र नौसेना और निर्माण कार्य शुरू किया है, इस ओर गवर्नर डनलेवी ने ध्यान आकर्षित किया है। यह क्षेत्र चीन और रशिया के नियंत्रण में ना जाए, इसके लिए अमरीका नीति तय करे। साथ ही यहां पर यातायात के मार्ग तैयार करने के लिए अमरीका अभी से कोशिश करने लगे, यह सुझाव भी डनलेवी ने दिया है।

इसी बीच, आर्क्टिक क्षेत्र में विश्‍व का छुपा हुआ सबसे बड़ा र्इंधन और गैस का भंड़ार होने का दावा किया जा रहा है। इस खनिज संपत्ति के लिए अमरीका, रशिया, कनाड़ा, डेन्मार्क, नॉर्वे, स्वीड़न, आईसलैण्ड और फिनलैण्ड़ ने अपना अधिकार जताया है। अमरीका, रशिया ने वर्णित क्षेत्र में पहले ही अपने विध्वंसक और पनडुब्बियों को रवाना किया था। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से चीन भी इस क्षेत्र से अपने ताल्लुकात होने का दावा करने लगा है।

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