अमेरिका के संभावित जैव हथियारों के खतरे के विरोध में रशिया-चीन की एकजूट

मास्को/बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमेरिका विकसित कर रहे जैव हथियारों के खतरे के विरोध में रशिया और चीन एकत्रित हुए हैं। इससे संबंधित उच्चस्तरीय बैठक का हाल ही में चीन में आयोजन हुआ। इस बैठक में ‘बायोलॉजिकल ॲण्ड टॉक्सिक वेपन्स कन्वेन्शन’ समझौते के प्रावधान अधिक सख्त करने पर सहमति होने की जानकारी रशिया के विदेश विभाग ने साझा की। पिछले साल दिसंबर महीने में रशिया और चीन सहित १६ देशों की स्वतंत्र परिषद आयोजित की गई थी। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ ने जैविक एवं रासायनिक हथियारों से संबंधित नीति अधिक सख्त करने की मांग रखी गई ती।

अमेरिका के संभावित जैव हथियारों के खतरे के विरोध में रशिया-चीन की एकजूटयूक्रेन पर हमला करने के कुछ दिन बाद रशिया ने यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी बायोलैब्स का मुद्दा उठाया था। अमेरिकी रक्षा विभाग यूक्रेन में २६ जैविक लैब चला रहा है। इसपर अमेरिका का सीधा नियंत्रण हैं और कोरोना सहित अन्य कई घातक विषाणुओं पर इसमें अनुसंधान हो रहा है, ऐसा आरोप रशिया ने लगाया था। यूक्रेन में सैनिक और आम नागरिकों पर विषाणुओं का प्रयोग किया जा रहा है, ऐसा रशिया ने कहा है। इससे संबंधित जानकारी और सबूत अंतरराष्ट्रीय यंत्रणाओं के सामने एवं विभिन्न बैठकों में पेश किए गए थे।

कुछ महीने पहले रशिया के ‘न्युक्लियर, बायोलॉजिकल ॲण्ड केमिकल डिफेन्स फोर्सेस’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनलर इगोर किरिलोव ने यह दावा किया था कि, अमेरिका अपने जैविक हथियारों के कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने में लगी है। अमेरिका ने मार्च महीने में जैविक उत्पादनों से संबंधित घोषित नीति और इसके ‘रैंड’ जैसे गुटों के सहभाग पर निर्देश करता है, इसपर रशियन अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया था। अमेरिका का रक्षा विभाग अवैध स्तर पर जैविक अनुसंधान और इसका इस्तेमाल कर रहा हैं और यह मुद्दा विश्व के सामने पेश करने की कोशिश में रशिया होने का अहसास भी लेफ्टनंट जनरल इगोर किरिलोव्ह ने करवाया था।

अमेरिका के संभावित जैव हथियारों के खतरे के विरोध में रशिया-चीन की एकजूटअमेरिका जैविक हथियारों का निर्माण करने के लिए आवश्यक गतिविधियां कर रही हैं। अफ्रीकी महाद्वीप में दोहरा उद्देश्य से संदिग्ध जैविक अनुसंधान से जुड़ी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। अमेरिका अपने सैन्य उपक्रमों के माध्यम से गोपनीय जैविक अनुसाधन कर रही हैं और ‘युनिव्हर्सल जनेटिकली इंजिनिअर्ड बायोवेपन’ विकसित किया जाने की सनसनीखेज जानकारी रशिया के ‘न्युक्लियर, बायोलॉजिकल ॲण्ड केमिकल डिफेन्स फोर्सेस’ ने प्रदान की थी। लेकिन, अमेरिका ने यह दावे ठुकराए थे। इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने चीन से सहयोग पाना ध्यान आकर्षित करता है।

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