तालिबान एवं नैशनल रेज़िस्टन्स में बीच-बचाव के लिए रशिया तैयार – रशियन विशेषदूत ज़मीर काबुलोव

काबुल – ’अफगाणिस्तान में गृहयुद्ध टालने के लिए तालिबान और नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रंट में बीच-बचाव के लिए रशिया तैयार है। मगर इसके लिए अफगाणिस्तान में इन दोनों गुटों की सहमती चाहिए’, ऐसी घोषणा अफगाणिस्तान के लिए नियुक्त किए गए रशिया के विशेषदूत ज़मीर काबुलोग ने की। पिछले कुछ दिनों से रशिया ने अफगाणिस्तान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की खबरें प्रसिद्ध हुई थीं। इस पृष्ठभूमि पर रशिया की यह घोषणा ध्यान आकर्षित करती है।

नैशनल रेज़िस्टन्सरशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने अफगाणिस्तान के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत ज़मीर काबुलोव ने मंगलवार को रशियन वृत्तसंस्था के साथ बोलते अफगाणिस्तान के गुटों को संदेश दिया। तालिबान और नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रंट के नेताओं को रशिया में बैठक करनी हो तो इसके लिए रशियार तैयार है, ऐसा काबुलोव ने कहा। आनेवाले समय में तालिबात और नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रंट के बीच मतभेदों की वजह से अफगाणिस्तान में गृहयुद्ध ना छिडे, ऐसी रशिया की अपेक्षा होने की बात काबुलोव ने कही।

इसके अलावा कुछ दिन पहले नॉर्वे की राजधानी ऑस्लो में तालिबान के नेताओं के साथ हुई बैठक पर काबुलोव ने टीका की। अमेरिका एवं समर्थक राष्ट्रों द्वारा आयोजित की गई बैठक से कुछ विशेष निष्पन्न नहीं होगा, ऐसा काबुलोव ने कहा।

अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद के नेतृत्व में ’नैशनल रेज़िस्टन्स फ्रंट-एनआरएफ’ ने रशिया के इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की, मगर एनआरएफ के सूत्रों ने अफगानी समाचार चैनल पर दी हुई जानकारी के अनुसार, सप्ताह पहले रशिया की राजधानी मॉस्को में तालिबान और एनआरएफ के नेताओं में बैठक हुई।

इसमें तालिबान केके हुकूमत के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर, संरक्षण विभाग के प्रमुख और तालिबान के संस्थापक मुल्ला ओमर के बेटे मुल्ला याकूब मुजाहिद शामिल थे। बरादर और याकूब ने छुपते हुए भेंट की थी, ऐसा दावा अफगाणिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा के भूतपूर्व प्रमुख रहमतुल्ला नबिल ने कुछ दिन पहले किया था। अफगानी माध्यमों में इस बारे में खबरें प्रसिद्ध हुई हैं।

अफगाणिस्तान के पूर्व उपराष्ट्राध्यक्ष और एनआरएफ के नेता अमरुल्ला सालेह इसी दौर में रशियन राजधानी में उपस्थित थे। तो अहमद मसूद और सलाहुद्दीन रब्बानी भी सालेह को इस बैठक में शामिल होंगे यह दावा अफगानी माध्यमों ने सूत्रों के हवाले से किया था। इस पर एनआरएफ ने प्रतिक्रिया देना टाल दिया। तो तालिबान ने भी उक्त समाचार अमान्य नहीं किया है। इसलिए रशिया की मध्यस्थता से एनआरएफ और तालिबान के नेताओं की भेंट होने की संभावना कही जा रही है।

महीनाभर पहले ईरान की राजधानी तेहरान में भी तालिबान के कमांडर मोत्ताकी और एनआरएफ के नेता अहमद मसूद में छुपी मुलाकात की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। अफगाणिस्तान के दोनों गुटों ने यह खबर नामंजूर की थी। मगर कुछ घंटों बाद तालिबान एवं एनआरएफ ने इस मुलाकात की बात कबूल की थी।

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