रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण एशिया, अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा खतरे में – संयुक्त राष्ट्र संगठन की चेतावनी

अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र

रोम – रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण अनाज की दरों में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना होकर, एशिया, अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र के देशों में अनाज की गंभीर समस्या उद्भवित हो सकती है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने दी है। ‘अगर दोनों देशों में युद्ध अधिक देर तक चला, तो युक्रेन में अगले मौसम में फसल आने की संभावना कम है। वहीं, रशिया पर लगाए प्रतिबंधों के कारण यह देश अनाज की निर्यात कर सकेगा अथवा नहीं, इस बारे में अनिश्चितता है’, ऐसा बताकर ‘फूड अ‍ॅण्ड अ‍ॅगिकल्चर ऑर्गनायझेशन’ (एफएओ) ने संभावित संकट पर गौर फरमाया। रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण खाड़ी क्षेत्र के देशों में अनाज के लिए दंगे किए जाएँगे, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने कुछ दिन पहले ही दी थी।

अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र

रशिया और युक्रेन इन देशों का उल्लेख दुनिया का ‘ब्रेडबास्केट’ ऐसा किया जाता है। गेहूं , दलहन, कॉर्न, सूरजमुखी के उत्पादन में ये देश अग्रसर हैं। जागतिक दलहन की कुल निर्यात से लगभग 14 प्रतिशत निर्यात रशिया और युक्रेन से की जाती है। रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण दोनों देशों की खेती पर बड़ा असर हुआ है। रशिया पर लगाए प्रतिबंधों के कारण इस देश से होनेवाली अनाज की निर्यात पर असर हुआ है। वहीं, युक्रेन पर किए हमलों के कारण इस देश में खेत जमीन का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र

इस पृष्ठभूमि पर, ‘फूड अ‍ॅण्ड अ‍ॅगिकल्चर ऑर्गनायझेशन’ ने दी चेतावनी गौरतलब साबित होती है। युद्ध के परिणामों के कारण जागतिक स्तर पर अनाज की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत से बढ़ोतरी हो सकती है, ऐसा ‘एफएओ’ के प्रमुख कु डाँग्यू ने बताया। एशिया, अफ्रीका और खाड़ी क्षेत्र के गरीब देश रशिया तथा युक्रेन से आयात होनेवाले गेहूं पर बड़े पैमाने पर निर्भर हैं। लेकिन युद्ध के कारण निर्माण हुई स्थिति में इन देशों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध होने की संभावना कम होकर, इससे इन देशों में अनाज की किल्लत उद्भवित हो सकती है, ऐसी चेतावनी ‘एफएओ’ ने दी।

युक्रेन ने युद्ध के चलते कुछ मात्रा में निर्यात पहले ही रोकी होकर, उसके परिणाम अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में दिखाई देने की शुरुआत हुई है, इस पर भी संगठन ने गौर फरमाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.