सौदी अरब और चीन ने ‘ड्रोन’ निर्माण समेत ईंधन समझौते पर किए हस्ताक्षर

रियाध/बीजिंग – सौदी अरब की ‘एसीईएस’ कंपनी ने चीन के साथ ‘मिलिटरी ड्रोन्स’ का निर्माण करने के लिए अहम समझौता किया है| यह समझौता सौदी अरब और चीन के बढ़ते रक्षा सहयोग के संकेत माना जा रहा है| पिछले साल से सैन्य एवं रक्षा सहयोग पर सौदी और अमरीका के बीच मतभेद निर्माण होने की बात सामने आयी थी| इस पृष्ठभूमि पर सौदी ने चीन से समझौता करना ध्यान आकर्षित कर रहा है| इसके बाद सौदी अरब और चीन ने २८ अरब डॉलर्स के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और इनमें १० अरब डॉलर्स के ईंधन समझौते का समावेश है|

ईंधन समझौतेपिछले कुछ सालों से चीन खाड़ी देशों से सबसे ज्यादा ईंधन का आयात करनेवाले देश बना है| ईंधन का आयात करने के साथ ही चीन ने खाड़ी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं| इसी बीच दूसरी ओर अमरीका के बायडेन प्रशासन के खाड़ी के मित्रदेशों का सहयोग कम करने के संकेत मिल रहे हैं| अमरीका ने सौदी अरब और यूएई में तैनात अपनी हवाई सुरक्षा यंत्रणा हटाई थी| साथ ही बॉम्बर विमानों को भी वहां से हटाया था| इन घटनाओं ने खाड़ी देशों को नाराज़ किया है और वे चीन के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं|

ईंधन समझौतेजनवरी में सौदी अरब के साथ ओमान, कुवैत एवं बहरीन के विदेशमंत्रियों के समावेश वाले उच्च स्तरीय शिष्टमंड़ल ने चीन का दौरा किया था| इसके कुछ ही दिनों बाद सौदी और चीन के रक्षामंत्रियों वर्चुअल बैठक हुई| इसमें सौदी के उप-रक्षामंत्री प्रिन्स खालिद बिन सलमान ने चीन के साथ सैन्य सहयोग को नई उँचाई प्रदान की जाएगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया था| दो देशों के बीच ‘ड्रोन’ निर्माण से संबंधित समझौता इसी का हिस्सा दिख रहा है|

इस समझौतेनुसार सौदी अरब की ‘एसीईएस’ कंपनी ‘चायना इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नॉलॉजी ग्रूप कंपनी’ के सहयोग से ‘ड्रोन’ निर्माण करेगी| सौदी अरब और चीन ने ‘ड्रोन’ निर्माण से संबंधित पिछले पांच सालों में किया हुआ यह दूसरा बड़ा समझौता है|

इसी बीच सौदी अरब का शिष्टमंड़ल चीन का दौरा कर रहा है और इस दौरे में दोनों देशों के बीच २८ अरब डॉलर्स निवेश के ३५ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए| इसमें सौदी के अराम्को ईंधन कंपनी के १० अरब डॉलर्स के समझौते का भी समावेश है|

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