तीसरा विश्व युद्ध रोकने के लिए दूसरा शीतयुद्ध करना होगा – ब्रिटेन के पूर्व सेना अधिकारी का दावा

लंदन – यूक्रेन संघर्ष रोकने के लिए रशिया के साथ किसी भी तरह की चर्चा या समझौता ना करे, ऐसी सलाह ब्रिटेन के पूर्व सेना अधिकारी रिचर्ड शिरेफ ने दी है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ना यही चाहिये और इससे रशिया फिर से ताकतवर हो जाएगी, ऐसा इशारा शिरेफ ने दिया। इस दौरान उन्होंने तीसरा विश्व युद्ध रोकना हैं तो पश्चिमी देशों को दूसरा शीतयुद्ध लड़ना होगा, यह चेतावनी भी दी।

रशियन परमाणु हमलों का बढ़ता खतरा ध्यान में रखर रशिया के साथ चर्चा करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष प र अमरीका दबाव बना रही हैं, यह वृत्त पिछले हफ्ते सामने आया था। अमरीका के प्रमुख अखबार ने यह दावा किया। पिछले ही हफ्ते अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुविन ने यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की से मुलाकात की थी। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी अखबार का दावा ध्यान आकर्षित करता है।

दूसरा शीतयुद्धपिछले आठ महीनों से लंबे चल रहा रशिया-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए दोनों भी देश कोई भी संकेत नहीं दे रहे हैं। उल्टा पूर्व एवं दक्षिण यूक्रेन में संघर्ष अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त होर हे हैं। रशिया ने भी पिछले कुछ हफ्तों में यूक्रेन में मिसाइल और ड्रोन्स के जोरदार हमलें करके यूक्रेनी सेना को परेशान किया हैं। साथ ही रशियन परमाणु हमले का मुद्दा भी चर्चा का विषय बना हैं और रशिया के बयान और गतिविधियां पश्चिमी देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बेचैन कर रही हैं।

दूसरा शीतयुद्धपरमाणु हमले के बढ़ते खतरे के मद्देनज़र अमरीका ने यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की पर दबाव बनाना शुरू किया हैं। झेलेन्स्की ने कुछ दिन पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष से चर्चा नहीं होगी, यह प्रस्तव यूक्रेन में पारित करवाया था। इसपर अमरीका ने आपत्ति जतायी हैं और इस पाबंदी को अनदेखा करके झेलेन्स्की रशिया से बातचीत की राह खोल दे, ऐसी आग्रही भूमिका अमरिकी अधिकारी ने रखी हैं।

अमरीका यूक्रेन के पीछे ड़टकर खड़ी हैं, फिर भी कई सहयोगी देश लंबे चल रहें यूक्रेन युद्ध से तंग हुए हैं। कई सालों तक यह युद्ध शुरू नहीं रखा जा सकेगा, ऐसा स्वर यूरोपिय देशों में सुनाई देना शुरू हुआ हैं। आठ महीने के संघर्ष के बाद कई यूरोपिय देशों की अर्थव्यवस्था संकटों से घिरी हैं और जनता की भी नाराज़गी बढ़ रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटीश अधिकारी का बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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