आतंकवाद और जंगबाज चीन के खतरे पर इस्रायल, ऑस्ट्रेलिया की रक्षा मुद्दे पर चर्चा

israel-australia-defence-talks-china-1जेरूसलम/सिडनी – आतंकवाद और चीन से बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर इस्रायल और ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के मुद्दे पर बैठक हुई। महासत्ता होने की चाहत में जुटे चीन की खाड़ी क्षेत्र में गतिविधियाँ बढ़ने के कारण इस्रायल ने चिंता जताई है। तो, चीन की नीति ज्ञात करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का अनुभव इस्रायल के लिए उपयोगी साबित हो सकता है, इस पर दोनों देशों की सहमति हुई है। इसी बीच भारत, जापान, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ गुट में इस्रायल अहम भूमिका निभा सकता है, यह सुझाव कुछ ऑस्ट्रेलियन अफसरों ने दिया है।

इस्रायल और ऑस्ट्रेलिया की हाल ही में सालाना ‘बेर शेवा डायलॉग’ बैठक हुई। कोरोना के खतरे के कारण इस वर्ष की बैठक का वर्चुअली आयोजन हुआ था और यह अब तक की सातवीं बैठक थी। हाल ही के हफ्तों में हुई इस बैठक का किसी भी तरह का ब्यौरा अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ था। इस्रायल ‘इंटरनैशनल इन्स्टीट्यूट फॉर काऊन्टर-टेररिज़म’ और ऑस्ट्रेलिया की ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी’ नामक अध्ययन मंड़ल के विश्‍लेषक इसमें शामिल थे। तो, इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ और ऑस्ट्रेलियन रक्षामंत्री पीटर डटन ने भी इस बैठक के अवसर पर अपने-अपने देश की भूमिका स्पष्ट की।

लोकतंत्र, समान हितों की बुनियाद पर इस्रायल और ऑस्ट्रेलिया के मज़बूत सामरिक सहयोग निर्भर होने का बयान इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने किया। दोनों देशों का रक्षा सहयोग वृद्धिंगत करने के लिए अवसर होने का बयान करके रक्षामंत्री गांत्ज़ ने अरब देशों के साथ किए गए अब्राहम समझौते को ऑस्ट्रेलिया द्वारा समर्थन देने पर आभार व्यक्त किया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन ने इस्रायल-ऑस्ट्रेलिया के सहयोग की अहमियत रेखांकित की। इस्रायल की सीमा सुरक्षित रही तो ऑस्ट्रेलिया भी अधिक सुरक्षित रहेगा, यह विश्‍वास डटन ने व्यक्त किया।

israel-australia-defence-talks-china-2इस बैठक में शामिल इस्रायल और ऑस्ट्रेलिया के अन्य अफसरों ने आतंकवाद, सायबर हमले, व्यापार में विदेशी हस्तक्षेप, दुष्प्रचार एवं विवादित क्षेत्रों का सैन्यकरण के मुद्दों पर चर्चा की। चीन के विषय पर बोलते हुए इस्रायली अफसरों ने खाड़ी क्षेत्र में चीन के बढ़ते निवेश पर चिंता जताई। चीन की नीति को लेकर ऑस्ट्रेलिया के अनुभव इस्रायल के लिए सहायक हो सकते हैं, इस पर दोनों देशों की सहमति हुई। इसी बीच, पैसिफिक देशों में इस्रायल के राजदूत नियुक्त करने के लिए ऑस्ट्रेलिया सहायता करेगा, यह सुझाव भी ऑस्ट्रेलिया के एक अधिकारी ने दिया।

इस बैठक में ‘क्वाड’ का भी ज़िक्र किया गया। भारत, जापान, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के संगठन में इस्रायल का भी समावेश हो सकता है, यह सुझाव ऑस्ट्रेलियन अधिकारी ने दिया। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमरीका के ‘ऑकस’ गुट के बजाय ‘क्वाड’ में इस्रायल के समावेश को विरोध नहीं किया जाएगा, यह ऑस्ट्रेलियन अफसरों का कहना है। इसी बीच, इस्रायल के साथ रक्ष संबंधी सहयोग स्थापित करके ऑस्ट्रेलिया चीन के खिलाफ और एक गुट बना रहा है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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