अफगानिस्तान के जलालाबाद में दोहरा बम विस्फोट

काबुल – अफगानिस्तान के जलालाबाद में आतंकवादियों ने दोहरा बम विस्फोट करवाया। इसमें छोटे बच्चे के साथ दो लोगों की मृत्यु होने की जानकारी स्थानिक यंत्रणाएँ दे रही हैं। लेकिन मृतकों की संख्या जितनी बताई गई, उससे कई अधिक होने का दावा स्थानिक लोग कर रहे हैं। तालिबान के गश्ती वाहन को लक्ष्य करने के लिए आईएस ने ये विस्फोट करवाए, ऐसा शक़ ज़ाहिर किया जाता है। दो दिन पहले राजधानी काबुल में विस्फोट के द्वारा बिजली का खंभा उड़ा दिया गया था। आईएएस के आतंकवादियों ने इस घातपात की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया है।

afghan-jalalabad-blastतालिबान ने काबुल पर नियंत्रण प्राप्त करने के बाद पिछले दो महीने में अफगानिस्तान के नांगरहार इस पूर्वीय प्रांत की राजधानी जलालाबाद में तालिबानी आतंकवादियों पर हमले बढ़े हैं। अब तक तालिबान के आतंकवादियों पर हुए हमलों की ज़िम्मेदारी आईएस ने स्वीकारी है। पश्चिमी देशों के साथ चर्चा करके सत्ता पर आया तालिबान, यह २० साल पहले का संगठन नहीं रहा होने का आरोप करके, आईएस ने तालिबान पर हमलें तीव्र करने की धमकी दी थी। इस कारण, शनिवार को तालिबान के वाहन को लक्ष्य करके करवाए गए विस्फोट के पीछे भी आईएस होने का दावा किया जाता है।

दो दिन पहले आईएएस के आतंकवादियों ने राजधानी काबुल के उत्तरी भाग में बिजली की सप्लाई करनेवाला टावर विस्फोट से उड़ा दिया था। इसके बाद यहाँ की बिजली सप्लाई खंडित हुई थी। वहीं, तालिबान ने भी आईएस के आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का दावा किया जाता है। नांगरहार प्रांत में ही कुझ कुनार और हसका मिना इन ज़िलों में तालिबान ने की कार्रवाई में आईएस के ५० आतंकवादियों को हिरासत में लिया होने की खबर सामने आ रही है।

तालिबान और आईएस के इस संघर्ष में अफगानी जनता झुलस रही है, ऐसी चिंता अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक तथा मानवाधिकार संगठन ज़ाहिर कर रहे हैं। साथ ही, तालिबान अपने कट्टरपंथिय समर्थकों को खुश करने के लिए अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है, ऐसा आरोप भी मानवाधिकार संगठन ने किया।

तालिबान के आतंकियों ने कंधार, हेल्मंड, उरूझ्गन, दायकूंदी, बल्ख इन पांच प्रांतों में हजारा तथा अन्य अल्पसंख्यकों उनके घरों से पर निकाल बाहर करके, उनकी जमीनों पर कब्ज़ा किया होने का दोषारोपण मानवाधिकार संगठन के एशिया विभाग की अध्यक्षा पॅट्रिशिया गॉस्मन ने किया। पिछले महीने भर में तालिबान ने अल्पसंख्यकों को गोली मारकर मार देने की तथा महिला खिलाड़ी का सिर कलम करने की, दहला देनेवाली घटनाएँ सामने आईं हैं।

इसी बीच, अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में तालिबान के ही दो गुटों में संघर्ष भड़कने की खबरें सामने आ रही हैं। काबुल की तालिबान की हुकूमत के साथ मतभेद होनेवाले गुट का इसमें समावेश है, ऐसा माध्यमों का कहना है। उसीके साथ, अफगानी लष्कर के पूर्व अधिकारी आईएस-खोरासान से जा मिलने के दावे किए जाते हैं। वहीं, अफगानी लष्कर के कुछ सैनिक तालिबान के विरोध में लड़नेवाले नॉर्दन रेझिस्टन्स फोर्स में सहभागी हुए हैं। तालिबान अफगानिस्तान में स्थिरता स्थापित कर सकेगा, ये दावे इससे खारिज हुए होकर, उल्टे तालिबान सत्ता में रहते अफगानिस्तान में रक्तरंजित संघर्ष का नया सिलसिला शुरू हुआ दिख रहा है।

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