आर्मेनिया-अज़रबैजान का संघर्ष होने से सात की मौत – ईरान की जनता ने की अज़रबैजान पर हमला करने की मांग

बाकू/तेहरान – ‘नागोर्नो-काराबाख’ के मुद्दे पर आर्मेनिया और अज़रबैजान की सीमा पर संघर्ष होने से सात सैनिक मारे गए। यह मध्य एशियाई देश नए से युद्ध विराम करें, ऐसा आवाहन यूरोपिय देश कर रहे हैं। इसी बीच यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि, ईरान की जनता अज़रबैजान पर हमला करने की मांग कर रही हैं। इस्रायल से सहयोग रखने वाले अज़रबैजान का विलयन अपने देश के साथ करे, ऐसा ईरान ईरान की जनता का कहना है। इसी बीच, ईरान और आर्मेनिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक हुई।

ईरान की जनतासोवियत रशिया से अलग होने के बाद वर्ष १९९१ से आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच सीमा विवाद के कारण संघर्ष होने से ३० हज़ार से भी अधिक लोग मारे गए हैं। अज़रबैजान के ‘नागोर्नो-काराबाख’ जैसें आर्मेनिय बहुल लोगों के हिस्से पर अधिकार रखने के मुद्दे पर इन दोनों पूर्व सोवियत देशों के बीच दो बार जंग हुई थी। रशिया ने समय समय पर मध्यस्थता करके आर्मेनिया-अज़रबैजान का युद्ध विराम करवाया था। साल २०२० के संघर्ष के बाद भी रशिया ही इन दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करने में कामयाब हुई थी।

ईरान की जनतालेकिन, पिछले वर्ष रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद आर्मेनिया-अज़रबैजान की सीमा पर भी तनाव बढ़ रहा हैं। नागोर्नो-काराबाख के दावे को लेकर मध्य एशियाई देशों की सीमा पर फिर से मुठभेड़ शुरू हुई है। दोनों देश एक-दूसरे पर युद्ध विराम का भंग करने का ठिकरा फोड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में मंगलवार को ‘दाईग’ के सरहदी क्षेत्र में दोनों देशों की सेना की जोरदार मुठभेड़ हुई। इस दौरान आर्मेनिया के चार और अज़रबैजन के तीन सैनिक मारे गए। सीमा पर हुई इस गोलीबार के लिए दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।

नागोर्नो-काराबाख के मामले में आर्मेनिया और अज़रबैजान का यह संघर्ष शुरू होने के बीच में पड़ोसी ईरान में नई गतिविधियां शुरू हो रही हैं। आर्मेनिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहका अरमेन ग्रिगोरियन ने ईरान की राजधानी तेहरान में ईरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अली शामखानी से मुलाकात की। कॉकेशस क्षेत्र की मौजूदा स्थिति बदलने की किसी भी कोशिश का ईरान का तीव्र विरोध रहेगा। इस वजह से वर्णित क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता हैं, यह शामखानी ने स्पष्ट किया। आर्मेनिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी ईरान से सहयोग की उम्मीद रखी।

ईरान की जनताऐसे में ईरान की जनता भी अज़रबैजान पर हमला करने की मांग कर रही हैं, ऐसी खबर सामने आयी हैं। अज़रबैजान का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं हैं और उसका विलयन ईरान में हो, यह मांग उत्तर ईरान की जनता कर रही हैं। ईरान में अज़ेेरी वंश के नागरिकों की मौजुदगी काफी बड़ी हैं और अज़रबैजान अपने मुल देश से फिर से जुड़ जाए, यह ईरानी नागरिकों का कहना है। वहीं, इस्रायल के साथ सहयोग कर रहे अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष इलहान अलीयेव की सत्ता पलट दे और ईरान इस देश पर कब्ज़ा करे, ऐसी आक्रामक मांग भी ईरान से हो रही है। साथ ही अज़रबैजान का ईरान में विलयन हुआ तो ‘झंगेझूर कॉरिडोर’ खुल जाएगा और ईरान-रशिया व्यापार अधिक आसान हो जाएगा, ऐसा सुझाव कुछ ईरानी विश्लेषक दे रहे हैं।

गौरतलब है कि, ईरान ने पहले से ही नागोर्नो-काराबाख मामले से अपने को दूर रखा था। लेकिन, वर्ष २०२० में दोनों मध्य एशियाई देशों का संघर्ष होने के बाद इस्रायल, पाकिस्तान और तुर्की ने अज़रबैजान को सैन्य सहायता मुहैया की थी और इसके बाद ईरान ने भी आर्मेनिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया है। 

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.