प्रदर्शनों के समर्थन में व्यापारी वर्ग की हड़ताल से ईरानी हुकूमत मुश्किल में

तेहरान – पिछले दो महीनों से ईरान की हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शनों पर रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की कार्रवाई से ३४४ लोग मारे गए हैं और लगभग १६ हज़ार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा दो प्रदर्शनकारियों को रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की अदालत ने मृत्युदंड़ की सज़ा सुनाई है। लेकिन, प्रदर्शनों पर इसका असर नहीं पडा बल्कि, ईरान के व्यापारी वर्ग ने तीन दिन हड़ताल करके इन प्रदर्शनों का समर्थन किया। ईरान में अंतरराष्ट्रीय स्तर के नामांकित फूटबॉल खिलाड़ियों ने भी कतार के वर्ल्ड कप प्रतियोगिता का न्यौता ठुकराकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।

ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं ने मंगलवार रात कुर्द वंशियों की बस्ती पर कार्रवाई करने से तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हुई। इस तरह से ईरान की यंत्रणा सख्त कार्रवाई करके यह प्रदर्शन कुचलने की कोशश कर रही है। लेकिन, प्रदर्शनकारियों के निर्धार पर इसका असर नहीं पडा है। उल्टा विभिन्न स्तर पर इन प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा समर्थन हर दिन बढ़ता जा रहा है।

ईरान के व्यापारी वर्ग ने इन प्रदर्शनों के समर्थन में मंगलवार से हड़ताल शुरू की। राजधानी तेहरान में ग्रैण्ड बाज़ार समेत देश के अन्य प्रमुख बाज़ार भी बंद रखे गए थे। तीन दिन हड़ताल का ऐलान किया गया है, परंतु इसकी अवधि बढ़ सकती है, ऐसे संकेत व्यापारी दे रहे हैं।

इसके अगले चरण में ईरान में राष्ट्रीय हड़ताल का ऐलान हो सकता है, यह संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं। ईरान के सोशल मीडिया पर जनता कोई खरीदारी या बिक्री ना करे, यह आवाहन किया जा रहा है। इस वजह से अप्रत्यक्ष कर के माध्यम से ईरान की हुकूमत को प्राप्त हो रहा महसूल बंद होगा और यह हुकूमत घुटने टेक देगी, यह दावा किया जा रहा है। इस वजह से प्रदर्शनकारी ईरानी हुकूमत को आर्थिक संकट से घेरने का भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर व्यापारियों के हड़ताल के वीडियोज्‌‍ जारी किए गए हैं और इनमें से एक में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के एकल ज़िक्र किया गया है। ईरान में आयातुल्ला खामेनी का अनादर करने पर मृत्युदंड़ की सज़ा सुनाई जाती है। यह ज्ञात होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने उनका एकल ज़िक्र करने का साहस किया, इसका ईरान के प्रदर्शनों के समर्थक स्वागत कर रहे हैं।

इसी बीच अपने देश में छिडे हुए दंगों के लिए अमरीका, यूरोपिय देश, सौदी अरब और इस्रायल ज़िम्मेदार हैं, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया है। ईरान में सरकार विरोधि प्रदर्शनों के लिए उकसाने के लिए सहायता कर रहे एजेन्टस्‌‍ को हिरासत में लेने का दावा ईरानी सुरक्षा यंत्रणा कर रही है। फ्रान्स के आठ एजेन्सटस्‌‍ इसमें शामिल होने की बात ईरान कह रहा है। साथ ही ईरान के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाकर ईरान ने ऑस्ट्रेलियन राजदूत को समन्स थमाए गए हैं। ईरान ने पिछले हफ्ते ही सौदी अरब को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी।

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