कोरोना के बाद ‘निपाह’ का संक्रमण फैलने की गहरी संभावना

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वॉशिंग्टन – सरकार और स्वास्थ्य यंत्रणाओं ने अगर परिस्थिति को नज़रअंदाज किया, तो कोरोना के बाद निपाह वायरस की बड़ी महामारी आने की संभावना स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। फिलहाल यह वायरस हालाँकि भारत, बांग्लादेश और आग्नेय एशिया के कुछ देशों तक ही मर्यादित है, फिर भी कोरोना की तरह अगर ‘म्युटेट’(रचना में बदलाव) हुआ, तो उसका विस्फोट जागतिक पर पर हो सकता है। कोरोना के विरोध में टीका विकसित करनेवालीं संशोधक साराह गिल्बर्ट ने यह चेतावनी दी है।

corona-nipah-virus-2सन २०१९ के अंत तक चीन से फैली कोरोना की महामारी ने दो साल के अंदर ५० लाख से अधिक लोगों की जान ली है। दो सालों में कोरोना के कई प्रकार (व्हेरिअंट) विकसित हुए होकर, उससे महामारी का ख़तरा कायम रहने की बात दिखाई दी है। शुरुआती दौर में चीन तक ही सीमित होनेवाले कोरोना के संक्रमण का, कुछ ही महीनों में जागतिक महामारी में रूपांतरण हुआ दिखाई दिया था। इस महामारी की पृष्ठभूमि पर, जागतिक स्तर पर स्वास्थ्य यंत्रणाओं के अपर्याप्त स्रोत और अन्य कमजोरियाँ प्रकर्षता से सामने आईं थीं। यह बात नये-नये रोगों की बीमारियों का कारण बनेगी, इस पर भी गौर फरमाया गया था।

corona-nipah-virus-3ऐसी स्थिति में निपाह वायरस के संदर्भ में दी गई चेतावनी गौरतलब साबित होती है। कोरोना के विरोध में टीका विकसित की ब्रिटिश संशोधक साराह गिल्बर्ट ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में निपाह वायरस के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया। ‘निपाह वायरस अगर कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की तरह विकसित हुआ , तो दुनिया को तेज़ी से फैलनेवाले एक बड़े वायरस के खतरे का मुकाबला करना पड़ेगा। इस वायरस का संक्रमण होनेवालों में ५० प्रतिशत लोगों ने दम तोड़ा है’, इन शब्दों में गिल्बर्ट ने दुनिया को सचेत किया है।

निपाह वायरस यह कोरोना की तरह ही ‘झोनोटिक’ किस्म का वायरस है। कोरोनावायरस की तेरे को ही इसका मूल चमगादड़ों में पाया गया है। ‘फ्रुट बॅट’ के नाम से पहचाने जानेवाले चमगादड़ की जाति में तथा लोमड़ियों में यह वायरस पाया जाने की बात सामने आई है। चमगादड़ और लोमड़ी की तरह सूअरों में से निपाह वायरस फैलता है। सिर दर्द, बुखार, गले में खिचखिच इन जैसे लक्षण होनेवाली इस बीमारी में मस्तिष्क में सूजन आकर मरीज दम तोड़ता है ऐसा बताया जाता है।

सन १९९८-९९ में आग्नेय एशिया के मलेशिया में निपाह वायरस के मरीज पाए गए थे। आठ महीनों में १०५ लोगों की जान गई थी। संक्रमित हो गए लोगों में मृतकों का प्रमाण लगभग ४० प्रतिशत होने की बात सामने आई थी। उसके बाद यह वायरस भारत और बांग्लादेश में पाया गया था। दो महीने पहले भारत में एक १२ वर्षीय बच्चे की निपाह वायरस के कारण मृत्यु हुई थी। वहीं, बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों से निपाह का संक्रमण लगातार पाया जाने की जानकारी दी गई है।

चमगादड़ की विभिन्न प्रजातियाँ पाए जानेवाले कुछ आग्नेय एशियाई देश तथा मादागास्कर और घाना में निपाह वायरस के फैलाव का ख़तरा हो सकता है, ऐसा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ ने जताया है।

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