अमरीका ने हाँगकाँग पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ़ चीन में कड़ी नाराज़गी

बीजिंग – अमरीका ने हाँगकाँग पर लगाए आर्थिक प्रतिबंध सिर्फ चीन और अमरीका ही नहीं बल्कि सारे विश्‍व के खिलाफ़ होने का आरोप चीन ने किया है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने हाँगकाँग का स्पेशल स्टेटस्‌ रद किया है और हाँगकाँग के साथ चीन के ११ नेताओं के खिलाफ़ प्रतिबंध भी लगाए हैं। अमरीका की इस कार्रवाई की वजह से हाँगकाँगक में कार्यरत वित्तसंस्था एवं चीनी बैंकों को बड़ा झटका लगेगा, यह समझा जा रहा है। इसी कारण चीन से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त होती दिखाई दे रही है।

अमरीका ने हाँगकाँग पर लगाए प्रतिबंधों के खिलाफ़ चीन में कड़ी नाराज़गीइसी महीने के शुरू में अमरीका ने हाँगकाँग के प्रशासकीय प्रमुख कैरी लैम के साथ ११ लोगों के खिलाफ़ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद हाँगकाँग से निर्यात हो रहे सामान को आगे से ‘मेड इन चायना’ लेबल लगाना अनिवार्य होगा, यह निर्णय भी ट्रम्प प्रशासन ने लिया था। इसके बाद अमरिकी विदेश विभाग ने हाँगकाँग से किए तीन द्विपक्षिय समझौते रद करने का ऐलान भी किया था। चीनी हुकूमत के नियंत्रण में होनेवाला हाँगकाँग कभी भी कामयाब नहीं होगा, यह इशारा भी ट्रम्प ने दिया था।

अमरीका की इन कार्रवाईयों की वजह से जागतिक वित्त केंद्र के तौर पर पहचान प्राप्त करनेवाले हाँगकाँग को झटके लगना शुरू हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियां और वित्तसंस्थाओं ने हाँगकाँग से अपना कारोबार समेटना शुरू किया है। इससे बौखलाए हुए चीन ने अमरीका के निर्णय के खिलाफ़ कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है। अमरीका के निर्णय हाँगकाँग की आर्थिक स्थिरता को झटका देनेवाले हैं और उनकी कार्रवाई चीन और अमरीका के साथ संपूर्ण जागतिक समुदाय के विरोध में है। ऐसी एकतरफा कार्रवाई करके अमरिकी सरकार अपने ही पैर पर कुल्हाडी मारने का काम ना करे, ऐसी आलोचना चीन के ‘बैंकिंग ऐण्ड इन्श्‍युरन्स रेग्युलेटरी कमिशन’ ने की है।

अमरीका वित्तसंस्थाओं के कारोबार में दखलअंदाज़ी कर रही है और बाज़ार पर निर्भर अर्थव्यवस्था से संबंधित तत्वों का सपशेल उल्लंघन होने का आरोप भी चीन ने किया है। आर्थिक वर्चस्ववाद के बल पर जारी अमरीका की ऐसी करतूतें बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह इशारा भी चीन ने दिया है। अमरीका के निर्णयों की वज़ह से चीन और हाँगकाँग के साथ अमरीका में सक्रिय बड़ी वित्तसंस्थाओं के बीच में भी चिंता का माहौल बना हैं। चीन ने अपनी बैंकों को अमरीका के चंगुल में ना फंसें, ऐसे विकल्प खोजने की सलाह देने की बात भी सामने आयी है।

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