पाकिस्तानी सेना को खदेड़कर तालिबान का वाखण कॉरिडोर पर कब्ज़ा

काबुल – ड्युरंड लाईन के अलावा तालिबान और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच नया तनाव बनता सामने आ रहा है। पाकिस्तान की सेना द्वारा वाखण कॉरिडोर क्षेत्र में लगाए गए पिलर तालिबान ने हथौड़े मारकर गिरा दिए हैं। पिछले हफ्ते पाकिस्तानी अफसरों के साथ बातचीत के बाद तालिबान क यह पहला हमला है। वाखण कॉरिडोर पर तालिबान ने इस तरह नियंत्रण पाने की वजह से अफगानिस्तान के रास्ते मध्य एशिया में अपनी कक्षा विस्तारने की पाकिस्तान की कोशिशों को बड़ा नुकसान पहुँचने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

वाखण कॉरिडोरअफ़गानिस्तान और पाकिस्तान की सोशल मीडिया पर पिछले हफ्ते तालिबान का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें तालिबान के कमांडर अफ़गानिस्तान के ईशान कोण के बादखशान प्रांत में स्थित ‘वाखण’ में भारी संख्या में जमावड़ा कर रहे थे। इनमें से एक कमांडर ने वाखण की सीमा के करीब पाकिस्तानी सेना द्वारा लगाए गए पिलर हथौड़े से गिरा दिए। इस दौरान तालिबान ने नारेबाजी की तथा ‘एके-४७’ रायफल्स से हवा में गोलीबारी भी की और इस कार्रवाई पर जश्न मनाया। पाकिस्तानी सेना ने इस वीडियो पर बयान नहीं किया है। लेकिन, अफ़गान माध्यमों ने तालिबान के दाखिले से इससे संबंधित खबर जारी की।

पिछले साल तालिबान ने काबुल की हुकूमत पर कब्ज़ा किया और इसके बाद अफ़गानिस्तान की अस्थिरता का लाभ उठाकर पाकिस्तान ने ‘वाखण’ क्षेत्र में पिलर गाढे थे। यह पिलर अफ़गानिस्तान की संप्रभुता को चुनौती देते हैं और इसे नष्ट करने के लिए की गई कार्रवाई सही थी, ऐसा दावा अफ़गान माध्यमों ने किया है। तालिबान ने अब तक पाकिस्तान के खैबर-पख्तुनख्वा, फाटा प्रांत की ड्युरंड लाईन के करीब लगाई गई तार की बाड़, सैन्य चौकियों को तबाह किया था। लेकिन, इस बार तालिबान ने सीधे वाखण कॉरिडोर में कार्रवाई करने से पाकिस्तान समेत चीन भी सदमे में होने का दावा किया जा रहा है।

वाखण कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा अफ़गानिस्तान और गिलगिट-बाल्टिस्तान का हिस्सा है। यह पाकिस्तान का नहीं है बल्कि, हमारा क्षेत्र है, ऐसा भारत का कहना है। लेकिन, फिलहाल इस पर पाकिस्तान का अवैध कब्ज़ा है। पाकिस्तान और चीन वहां पर बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल करके मध्य एशियाई देशों से व्यापार विकसित करने की पाकिस्तान की योजना थी। इसके लिए बीते साल अफ़गानिस्तान में फैली अराजकता का पाकिस्तान ने लाभ उठाया था। इस वजह से चीन को भी झिंजियांग के रास्ते अफ़गानिस्तान में प्रवेश करना आसान हुआ होता। लेकिन, तालिबान ने वाखण में यह कार्रवाई करके दोनों देशों को झटका दिया है, इस पर विश्लेषक गौर फर्मा रहे हैं।

इसी बीच, पाकिस्तान का शिष्टमंड़ल पिछले हफ्ते अफ़गानिस्तान गया था। तालिबान के वरिष्ठ नेताओं ने तेहरिक-ए-तालिबान और पाकिस्तान के लिए मध्यस्थता की थी। लेकिन, ड्युरंड लाईन के मुद्दे पर तालिबान ने तेहरिक का पक्ष लेकर पाकिस्तान को फटकार लगायी थी। साथ ही अफ़गानिस्तान की तालिबान को पाकिस्तान में उम्मीद के अनुसार बनी सरकार और व्यवस्था नहीं है। इस वजह से अफ़गानिस्तान की तरह जल्द ही पाकिस्तान भी भ्रष्ट राजनीती और सेना से मुक्त किया जाएगा, ऐसी चेतावनी तालिबान ने दी थी। इसके बाद मात्र कुछ ही घंटों में तालिबान ने वाखण में कार्रवाई करके पाकिस्तान को अपनी चेतावनी खोखली ना होने की बात दिखाई है।

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