‘वन चायना प्रिन्सिपल’ को चुनौती देनेवालों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी – चीन के विदेशमंत्री वँग यी का इशारा

बर्लिन – तैवान, चीन का अभिन्न हिस्सा है। तैवान का मुद्दा चीन के अंदरुनि कारोबार का हिस्सा है और ‘वन चायना प्रिन्सिपल’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी दी गई है। चीन और अन्य देशों के सहयोग की नींव वाले इस तत्व की यदि किसी ने उल्लंघन करने की कोशिश की तो वह १.४ अरब चीनी जनता का शत्रु साबित होगा। ऐसी स्थिति में चीन की हुकूमत और जनता भी शांत नहीं रहेंगे। चीन के विरोधी ताकतों को उनकी अदूरदर्शिता की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसी कड़ी चेतावनी चीन के विदेशमंत्री वँग यी ने दी है। चीन के विदेशमंत्री फिलहाल यूरोप की यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान ही यूरोपिय महासंघ के सदस्य ज़ेक रिपब्लिक का उच्चस्तरीय शिष्टमंडल तैवान पहुँचा है। वरिष्ठ मंत्री यूरोप दौरा कर रहे हैं तभी यूरोप का शिष्टमंड़ल तैवान पहुँचने से चीन की हुकूमत बड़ी बौखलाई हुई है और विदेशमंत्री वँग यी की यह प्रतिक्रिया इसी बौखलाहट का हिस्सा होने की बात दिख रही है।

वँग यी

विश्‍वभर में कोरोना वायरस का फैलाव हो रहा है और तभी चीन अपनी वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षा पूरी करने की कोशिश कर रहा है। हाँगकाँग के साथ तिब्बत और ज़िंजियांग में चीनी हुकूमत बड़ा दमनतंत्र चला रही है। उसी समय साउथ चायना सी और तैवान की खाड़ी में चीन आक्रामक लष्करी गतिविधियां भी कर रहा है। इन गतिविधयों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय कड़ा विरोध कर रहा है और इस विरोध को चीन ने अनदेखा करके अपनी हरकतें जारी रखी हैं। इसके कारण चीन के साथ मित्रता के संबंध रखनेवाले यूरोपिय देश भी नाराज़ हैं और यही नाराज़गी महासंघ ने बीते कुछ महीनों में लगातार दर्शाई है।

इसी बीच कोरोना की महामारी के साथ अन्य मुद्दों पर अमरीका से लक्ष्य हो रहा चीन अब अमरीका के साथ बना तनाव कम करने के लिए यूरोप की सहायता लेने की कोशिश कर रहा है। विदेशमंत्री वँग यी का पांच दिनों का यूरोप दौरा इसी कोशिश का हिस्सा है। यूरोप के साथ आर्थिक और व्यापारी संबंध बढ़ाना और अमरीका ने चीन के खिलाफ़ बनाया जागतिक मोर्चा कमज़ोर करना ही चीन के विदेशंमत्री के इस दौरे का उद्देश्‍य समझा जा रहा है। इसके लिए चीन ने अपने विदेशमंत्री के दौरे के लिए महासंघ में निर्णायक भूमिका निभा रहे फ्रान्स, जर्मनी और नेदरलैण्ड का चयन करना भी ध्यान आकर्षित करता है। अपनी फ्रान्स यात्रा में चीन के विदेशमंत्री ने अमरीका पर आलोचना करते समय चीन को नए शीतयुद्ध नहीं चाहिएं और अमरीका के कुछ आक्रामक गुट इसी के लिए गतिविधियां करने में जुटे होने का आरोप किया। साथ ही यूरोप तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता करेगा, यह उम्मीद भी व्यक्त की।

वँग यी

लेकिन, चीन की जारी इन कोशिशों को ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं होगी, यह बात फ्रेंच विदेशमंत्री ने किया हुआ बयान और ज़ेक शिष्टमंडल के तैवान दौरे से स्पष्ट हुआ है। चीनी विदेशमंत्री के साथ हुई चर्चा में हमने उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचार और हाँगकाँग के कानून का मुद्दा उपस्थित किया, यह जानकारी फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन य्वेस ले ड्रिअन ने साझा की। फ्रेंच विदेशमंत्री ने प्रदान की हुई जानकारी चीन को बड़ी मुश्‍किलों में फंसानेवाली साबित हुई है और इसके बाद चीन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की है। इसी के साथ तैवान में भी ज़ेक रिपब्लिक और तैवान के बीच आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित सामंजस्य समझौता होने की जानकारी साझा की गई है।

फ्रेंच विदेशमंत्री ने किया बयान और ज़ेक रिपब्लिक के शिष्टमंडल के दौरे से यूरोपिय महासंघ ने चीन के खिलाफ़ अपनी नाराज़गी दुबारा दिखाई होने की बात समझी जा रही है। कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर चीन और यूरोप के संबंध फिरेसे पटरी पर आने की संभवना ख़त्म होती दिख रही है।

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