लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच चर्चा का १२ वाँ सत्र

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के लष्करों के बीच चर्चा का १२ वाँ सत्र शनिवार से शुरू हो रहा है। इस चर्चा से पहले अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत का दौरा किया था। उन्होंने लोकतंत्र तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता इन्हें होनेवाले खतरे के संदर्भ में सूचक बयान किए थे। उसपर चीन ने ऐतराज जताया था। उसका असर इस चर्चा पर होने की गहरी संभावना सामने आ रही है। इस चर्चा में, चीन गोग्रा, हॉट स्प्रिंग से वापसी करें, इस माँग पर भारत अडिग रहेगा, यह इससे पहले ही स्पष्ट हुआ था।

India-China-LAC-Ladakhलद्दाख की एलएसी पर होनेवाले मॉल्दो स्थित, चीन के कब्जे में होनेवाली चौकी पर दोनों देशों के लष्करी नेता चर्चा करेंगे। शनिवार सुबह से शुरू होनेवाली इस चर्चा की ओर भारत और चीन बहुत ही गंभीरता से देख रहे हैं। सीमा विवाद पर चर्चा कायम रखकर भी भारत और चीन एक दूसरे से सहयोग कर सकते हैं, यह बताकर चीन ने सीमा पर बने तनाव की तीव्रता कम करने की कोशिश की है। लेकिन सीमा पर हज़ारों सैनिकों की तैनाती रखकर दोनों देशों के संबंध सुचारू नहीं हो सकते, यह भारत ने चीन को स्पष्ट रूप से जताया था। भारत ने अपनाई इस ठोस भूमिका के कारण चीन को इस सीमाविवाद में चालाकी दिखाने का मौका ही नहीं मिला है। इससे चीन की घेराबंदी हुई दिख रही है।

चीन पर तानाशाही जतानेवाली कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के १०० साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारत स्थित चिनी दूतावास ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस समय भारत और चीन ने लद्दाख की एलएसी से सेनावापसी की, इस पर चीन के राजदूत ने गौर फरमाया। लेकिन अभी भी कुछ इलाकों में चीन के जवान तैनात हैं, यह बात चिनी राजदूत ने जानबूझकर छिपाई। अपने देश को भारत के साथ सौहार्द अपेक्षित है, ऐसा प्रचार चीन लगातार करता आया है। वहीं, दूसरी ओर भारत आक्रमक की भूमिका में होने का झूठा होहल्ला चीन ने शुरू किया है। लेकिन चीन के इस प्रचार तंत्र का भारत की भूमिका पर असर नहीं हुआ है। लद्दाख के गोग्रा और हॉट स्प्रिंग से सेनावापसी किए बिना दोनों देशों के संबंध नहीं सुधरेंगे, इसका एहसास भारत चीन को लगातार करा दे रहा है।

भारत की माँग मान्य करके अगर यहाँ से अपने जवानों को हटाया, तो अपनी प्रतिष्ठा कम होगी, ऐसी चीन की धारणा है। इसी कारण भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन अपनी सीमा में अतिरिक्त तैनाती कर रहा है। उसी समय, यहाँ के हवामान की आदत होनेवाले तिब्बती युवाओं को चीन जबरदस्ती से लष्कर में भर्ती कर रहा होने की बात भी सामने आई है।

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