तुर्की ने खशोगी की हत्या का मामला सौदी को सौंपा

अंकारा – पत्रकार जमाल खशोगी की  हत्या का मालमा सौदी अरब को सौंपने का निर्णय तुर्की की अदालत ने घोषित किया| यह पूरी तरह से न्यायीक प्रक्रिया हैं और इसमें सरकार का हस्तक्षेप ना होने का खुलासा तुर्की कर रहा हैं| इस निर्णय की वजह से खशोगी की हत्यारों को कड़ी सज़ा नहीं होगी, ऐसी आलोचना मानव अधिकार संगठन कर रहे हैं| ऐसें में यह आरोप भी लगाया जा रहा हैं कि, सौदी के साथ राजनीतिक संबंध सुधारकर आर्थिक और व्यापारी लाभ पाने के लिए तुर्की ने यह निर्णय किया हैं|

अमरिकी अखबार के लिए काम कर रहें सौदी के पत्रकार जमाल खशोगी की २ अक्तुबर, २०१८ को तुर्की में हत्या हुई थी| सौदी अरब ने ही यह हत्या की, यह आरोप हुआ था| सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के आदेश से खशोगी की हत्या कर दी गई, यह आरोप अमरीका से हुआ था| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद ज्यो बायडेन ने खशोगी की हत्या के मामले में सौदी को किनारा करने वाले निर्णय किए थे| क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने खशोगी की हत्या करने के आदेश देने का आरोप अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने पिछले वर्ष लगाया था|

इसके बाद तुर्की ने अपने देश में हुए इस अपराधिक मामले की गंभीरता से संज्ञान लेकर खशोगी के हत्यारों के विरोध में कड़ी कार्रवाई करने का ऐलान किया था| इस वजह से सौदी और तुर्की के संबंध काफी बिगड़े थे| इस मामले में तुर्की ने सौदी के २६ नागरिकों को गिरफ्तार किया था| इनमें क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से संबंधित दो पूर्व अफ़सरों का भी समावेश था| साथ ही खशोगी हत्या के मामले के सबुत नष्ट किए जा सकते हैं, ऐसा कहकर यह सबुत और आरोपियों को सौदी को ना सौंपने का ऐलान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने किया था|

लेकिन, पिछले कुछ महीनों में तुर्की ने सौदी अरब के साथ संबंध सुधारने के लिए पहल की हैं| पिछले साल से तुर्की की अर्थव्यवस्था काफी डुब गयी हैं और इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की गलत आर्थिक नीति ज़िम्मेदार होेन के आरोप लगाए जा रहे हैं| तुर्की का आर्थिक संकट अधिक गंभीर हो रहा हैं और एर्दोगन की सरकार संकट से घिरी होने का दावा किया जा रहा हैं| तुर्की की  जनता में एर्दोगन की सरकार के विरोध में गुस्सा काफी बढ़ रहा हैं, ऐसी खबरें भी प्राप्त हुई थी|

इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने पिछले कुछ महीनों में अपनी विदेश नीति में बड़े बदलाव किए हैं| तुर्की अब सौदी अरब के साथ यूएई और इस्रायल के साथ ताल्लुकात सुधारने की कोशिश कर रहा हैं| पिछले महीने में ही तुर्की के एर्दोगन ने सौदी और यूएई का दौरा किया था| तुर्की के राट्राध्यक्ष की भूमिका में हुआ यह बदलाव ध्यान आकर्षित कर रहा था| ऐसें में मानव अधिकार संगठनों ने तुर्की की आलोचना करना शुरू किया?था| खशोगी हत्या का मामला सौदी को सौंपने के इस निर्णय के बाद मानव अधिकार संगठनों ने तुर्की की कड़ी आलोचना की हैं|

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