ब्रिटेन-रवांड़ा ‘रेफ्युजी डील’ पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की आलोचना

britain-rwanda-refugee-deal-2लंदन/जिनेवा – मनुष्य का किसी वस्तु की तरह इस्तेमाल करना गलत है, इन शब्दों में संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रिटेन और रवांडा ने शरणार्थियों से संबंधित समझौते की आलोचना की है| यह समझौता ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए वचनों का भंग करता है, ऐसा राष्ट्र संघ के शरणार्थियों के आयोग ने कहा है| पिछले हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और गृहमंत्री प्रीति पटेल की पहल से अफ्रीका के रवांडा सरकार के साथ समझौता किया गया| इस समझौते के अनुसार ब्रिटेन में दाखिल हो रहे अवैध शरणार्थियों को अफ्रीका के रवांडा देश में भेजा जाएगा|

britain-rwanda-refugee-deal-3पिछले हफ्ते ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने रवांडा का दौरा करके शरणार्थियों से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए| गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारी एवं ब्रिटेन के पूर्व नेता और स्वयंसेवी गुटों के विरोध के बावजूद गृहमंत्री पटेल ने यह समझौता करने के लिए पहल की, ऐसा कहा जा रहा है| इस समझौते के अनुसार ब्रिटेन अफ्रीका के रवांडा को १५ करोड़ डॉलर्स से अधक राशि प्रदान करेगा| इसके बदले में ब्रिटेन में अवैध मार्ग से दाखिल हुए शरणार्थियों को रवांडा पनाह देगा| इस तरह किसी यूरोपिय देश ने अपने देश में आए हुए शरणार्थियों को अफ्रीकी देश में भेजने का यह पहला अवसर है|

britain-rwanda-refugee-deal-1‘हमारे पास अपरंपार दया है, फिर भी लोगों की सहायता करने की हमारी क्षमता सीमित है| ब्रिटेन में दाखिल होकर इसी देश में रहने की इच्छा रखनेवाले हरएक के लिए ब्रिटेन के करदाता नागरिक कोरा चेक लिखकर दे, यह मॉंग हम नहीं कर सकते’, इन शब्दों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने रवांडा के साथ किए समझौते का समर्थन किया| गृहमंत्री पटेल ने समझौते का समर्थन करके आनेवाले दिनों में अन्य यूरोपिय देश भी ऐसा ही करेंगे, यह दावा किया|

लेकिन, संयुक्त राष्ट्र संघ एवं ब्रिटेन के स्वयंसेवी संगठनों ने इस समझौते की कड़ी आलोचना की| ‘युद्ध, संघर्ष और जुलुम से भाग रहे लोगों को करुणा और दया की ज़रूरत है| इनका किसी वस्तु की तरह इस्तेमाल ना करें| शरणार्थियों को अगली प्रक्रिया के लिए विदेश भेजना गलत है’, ऐसी आलोचना संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘हायकमिशनर फॉर रिफ्युजीस्’ की वरिष्ठ अधिकारी गिलियन ट्रिग्ज् ने की| ब्रिटेन और रवांडा दोनों देश समझौते पर फिर से विचार करें, यह मॉंग भी शरणार्थियों के आयोग ने की है| ब्रिटेन की स्वयंसेवी संस्थाओं ने यह समझौता अमानवीय और क्रूर होने का बयान करके ब्रिटीश सरकार को फटकार लगायी|

ब्रिटेन में पिछले कुछ सालों में खाड़ी के रास्ते दाखील हो रहे अवैध शरणार्थियों की संख्या बहुत बढ़ रही है| पिछले साल ब्रिटेन ने १.८५ लाख से अधिक शरणार्थियों को पनाह दी थी| साल २०२२ में ब्रिटेन में सिर्फ खाड़ी के रास्ते छह हज़ार से अधिक अवैध शरणार्थी दाखिल हुए है| इन शरणार्थियों के झुंड़ों को रोकने के लिए ब्रिटेन ने विभिन्न विकल्प अपनाना शुरू किया है और रवांडा के साथ किया गया समझौता इसी का हिस्सा माना जा रहा है| अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए ब्रिटेन ने फ्रान्स के साथ भी समझौता किया है और समुद्री क्षेत्र में ब्रिटीश नौसेना तैनात करने का भी निर्णय किया है|

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