‘खोरासन’ पर हमला करने के लिए अमरीका को तालिबान से अनुमति प्राप्त करना ज़रूरी था – तालिबान का प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद

काबुल – बीते हफ्ते काबुल हवाई अड्डे के करीब हुए विस्फोट में १९० से अधिक लोग मारे गए थे। अमरीका ने ड्रोन हमला करके हवाई अड्डे के करीब विस्फोट करनेवाली ‘आयएस-खोरासन’ के प्लैनर को मार गिराया। अमरीका की इस कार्रवाई पर तालिबान ने आपत्ति जताई है। ‘अमरीका की यह कार्रवाई यानी अफ़गानिस्तान पर हमला है’, यह आरोप भी तालिबान ने लगाया है। इसके साथ ही इस कार्रवाई से पहले अमरीका को तालिबान से अनुमति प्राप्त करनी चाहिए थी, ऐसी फटकार भी तालिबान ने लगाई है।

khorasan-attack-taliban-us-2अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित नांगरहार प्रांत में शनिवार तड़के ड्रोन हमला हुआ। इस हमले में ‘आयएस-खोरासन’ के दो आतंकी मारे गए। गुरूवार के दिन काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट की साज़िश करनेवाले आतंकी का इसमें समावेश होने का ऐलान अमरीका ने किया। इस कार्रवाई में एक आतंकी घायल होने का बयान पेंटॅगॉन ने किया। कतार के अपने लष्करी अड्डे से यह हमला करने का बयान अमरीका ने किया था।

लेकिन, ‘आयएस-खोरासन’ की इस कार्रवाई पर तालिबान ने आलोचना की। अमरीका ने इस कार्रवाई की जानकारी से हमें अवगत करना चाहिये था, ऐसा तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने कहा। साथ ही अमरीका के इस ड्रोन हमले में दो महिलाओं और एक छोटा बच्चा घायल होने का आरोप मुजाहिद ने लगाया।

अफ़गानिस्तान की संप्रभुता का मुद्दा उठाकर तालिबान अमरीका के इस हमले पर आपत्ति जता रही है। लेकिन, क्या काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले के बाद अफ़गानिस्तान को नियंत्रित करना तालिबान के लिए मुमकिन होगा, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। इसके अलावा अफ़गानिस्तान में प्रशासन चलाने की क्षमता तालिबान नहीं रखती, ऐसी आशंका भी जताई जा रही है क्योंकि, बाहर से तालिबान अपना उदार चेहरा विश्‍व को दिखा रही है, फिर भी तालिबान के आतंकी अफ़गानिस्तान के अन्य हिस्सों में भयंकर अत्याचार कर रहे हैं, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं।

khorasan-attack-taliban-us-1इसी बीच कुछ ही घंटे पहले तालिबानी आतंकियों ने एक लोक कलाकार की हत्या की। इस हत्या से पहले तालिबानी आतंकियों ने इस लोक कलाकार के साथ चाय पी और बातचीत भी की थी। इसके बाद बिल्कुल ठंड़े दिमाग से इस लोक कलाकार की हत्या करके तालिबान ने हमें मानव जीवन की कद्र ना होने की बात दिखाई। इस घटना के बाद स्थानियों में तालिबान के खिलाफ तीव्र असंतोष निर्माण हुआ है।

अफ़गानिस्तान के हजारा और ताजिक अल्पसंख्यांकों को तालिबानी आतंकी धमकाने के वीडियो भी सामने आ रहे हैं। नेतृत्व से आदेश प्राप्त होते ही देश में अल्पसंख्यांकों का कत्लेआम किया जाएगा, ऐसा तालिबानी आतंकी हजारा समुदाय से कहने का वीडियो सामने आया है। इस तरह से तालिबान का असली चेहरा सामने आ रहा है, इसके बावजूद अमरीका तालिबान के खिलाफ क्यो कार्रवाई नहीं करती, ऐसा सवाल अफ़गानी नागरिक कर रहे हैं।

लेकिन, काबुल हवाई अड्डे पर हमले के बाद तालिबान नहीं थी, बल्कि खोरासन का हाथ होने का ऐलान करनेवाली अमरीका ने खोरासान पर कार्रवाई करने पर ध्यान केंद्रीत किया है। तालिबान और खोरासान एक ही होने के आरोपों की ओर बायडेन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। तालिबान का बड़ा अहम हक्कानी नेटवर्क का गुट तालिबान से किसी भी तरह से ताल्लुकात नहीं रखता, यह दावा व्हाईट हाउस के प्रवक्ता नेड प्राईस ने हाल ही में किया था। इस वजह से आतंकी हरकतों के लिए सीधे तालिबान का इस्तेमाल किए बिना अन्य आतंकी संगठनों के मुखवटे इस्तेमाल करने की साज़ीश सफल होती हुई दिख रही है।

इस साज़िश में पाकिस्तान की गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ का हाथ होने का आरोप अर्मेनिया के एक अध्ययन मंड़ल ने किया था। लेकिन, तालिबान एवं आयएसआय की इन साज़िशों को बायडेन प्रशासन नजराअंदाज कर रहा है।

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