भारत के कारण अमरीका ने पाक़िस्तान को ‘एफ़-१६’ नकारे

पाक़िस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहगार का आरोप

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पाक़िस्तान को अमरीका द्वारा ‘एफ़-१६’ ये लड़ाक़ू विमान नकारे जाने के पीछे भारत का ‘लॉबिंग’ होने का आरोप पाक़िस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहगार ने किया है । अमरीका ने कुछ ही दिन पूर्व, पाक़िस्तान को इन लड़ाक़ू विमानों की आपूर्ति करने के लिए अनुदान (सबसिडी) देने से इन्कार किया था । पाक़िस्तान यदि ये विमान चाहता है, तो उसे उनकी पूरी क़ीमत चुकानी पड़ेगी, ऐसा अमरीका ने पाक़िस्तान को स्पष्ट रूप में कहा था । इस मुद्दे को लेकर पाक़िस्तान एवं अमरीका के बीच के संबंधों में तनाव आया है, यह सरताज़ अझिज़ ने मान्य किया।

अमरीका ने पाक़िस्तान को आठ ‘एफ़-१६’ विमानों की आपूर्ति करने का फ़ैसला किया था । तक़रीबन ७० करोड़ डॉलर्स के इस व्यवहार में, पाक़िस्तान को केवल २७ करोड़ डॉलर्स की रक़म अदा करनी थी। शेष ४३ करोड़ डॉलर्स की रक़म, अमरीका द्वारा पाक़िस्तान को अनुदान के रूप में दी जानेवाली थी । लेकिन भारत ने अमरीका के इस फ़ैसले पर सख़्त ऐतराज़ जताया। राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के प्रशासन द्वारा किया गया यह फ़ैसला भारतविरोधी है, यह कहते हुए भारत ने, ‘इन विमानों का इस्तेमाल भारत के ही विरोध में किया जायेगा’ ऐसी चेतावनी भी दी थी । उसके बाद अमरिकी सांसदों ने भी, पाक़िस्तान का ज़िक्र ‘विश्वासघातकी देश’ इन शब्दों में करते हुए, ‘एफ़-१६’ के लिए पाक़िस्तान को अनुदान देने के लिए तीव्र विरोध किया ।

इस कारण, दोनों देशों के बीच का उपरोक्त समझौता लगभग ख़त्म ही हुआ है । फिर भी पाक़िस्तान अमरिकी अनुदान के साथ ये विमान प्राप्त करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है । दोनों देशों के बीच ३० मई से शुरू होनेवाली चर्चा में यह मसला उपस्थित किया जायेगा, ऐसी जानकारी सरताझ अझिज़ ने दी । उसी समय, अमरीका द्वारा किये गए फ़ैसले के लिए भारत का ‘लॉबिंग’ ज़िम्मेदार होने का दोषारोपण भी अझिज़ ने किया है ।

अमरीकास्थित भारतीय लॉबी, पाक़िस्तान को ये विमान न मिलें इसलिए अथक रूप में प्रयास कर रही थी, ऐसा दावा भी अझिज़ ने किया है । साथ ही, गत तीन महीनों में अमरीका एवं पाक़िस्तान के बीच के संबंधों में तनाव बढ़ चुका होने की बात भी सरताझ अझिज़ ने मान ली । पाक़िस्तान को नकारे गये ‘एफ़-१६’ विमान तथा लादेन का पता अमरीका की ‘सीआयए’ को बतानेवाले डॉ. शक़ील आफ्रिदी की रिहाई की माँग, इनके कारण अमरीका-पाक़िस्तान संबंधों पर असर हुआ है, ऐसा अझिज़ ने कहा है । वहीं, दूसरी ओर, पाक़िस्तान आतंकवादियों पर अपेक्षित कार्रवाई न कर रहा होने की आलोचना भी अमरीका द्वारा की जा रही है । ख़ासकर तालिबान के हक्कानी गुट पर पाक़िस्तान अभी भी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है, इस बात पर ग़ौर फ़रमाते हुए अमरिकी सांसद पाक़िस्तान की आतंकवादविरोधी भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहे हैं ।

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