ईरान-सौदी सहयोग की पृष्ठभूमि पर अमरीका का ध्यान नहीं गया – सीआईए प्रमुख ने स्वीकार किया

वॉशिंग्टन – ईरान एवं सीरिया के साथ संबंध सुधारने के लिए सौदी अरब ने उठाए कदमों के कारण अमरीका मुश्किलों से घिरी हैं। इस पर गौर करने में अमरीका असफल हुई, ऐसी निराशा अमरीका की शीर्ष गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने व्यक्त की। इस मुद्दे पर सौदी ने हमें अंधेरे में रखा, ऐसी नाराज़गी भी बर्न्स ने व्यक्त की। अमरीका के प्रमुख अखबार ने यह खबर प्रसिद्ध की है।

‘सीआईए’ के प्रमुख बर्न्सओ ने कुछ दिन पहले ही शीघ्रता से सौदी अरब का दौरा किया था। उस समय बर्न्स ने सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। सौदी और ईरान के विदेश मंत्री की चीन में मुलाकात होने से पहले बर्न्स ने सौदी के क्राउन प्रिन्स से चर्चा की थी, ऐसा दावा अमरिकी अखबार ने किया है।

पिछले महीने चीन की मध्यस्थता से सौदी और ईरान के ताल्लुकात सुधारने के लिए वर्ष २०१६ के बाद पहली बार प्रत्यक्ष बैठक का आयोजन हुआ। इसी दौरान दूतावास शुरू करने के साथ राष्ट्रप्रमुखों के दौरे को लेकर चर्चा हुई थी। एक-दूसरे के शत्रु राष्ट्र बने इन दोनों ईंधन समृद्ध देशों के बीच समेट करवाकर चीन ने खाड़ी में अमरीका का प्रभाव खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, ऐसी चेतावनी अमरिकी विश्लेषकों ने दी थी।

इस दौरान सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद ने सौदी का दौरा करके क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। मात्र कुछ ही दिनों बाद सौदी ने ईरान और सीरिया के साथ संबंध सुधारने के लिए की हुई इन कोशिशों को लेकर हमें अंधेरे में रखा, ऐसा ‘सीआईए’ के प्रमुख कह रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर सीआईए के प्रमुख ने सौदी का दौरा किया। इस दौरान सौदी को गोपनीय जानकारी प्रदान करने का ऐलान बर्न्स ने किया।

साथ ही अमरीका सैन्य स्तर पर भी सौदी के पीछे खड़ी होने का ऐलान ‘सीआईए’ प्रमुख ने किया है, ऐसी जानकारी अमरिकी अखबार ने प्रदान की। साथ ही ईरान और सीरिया के संबंध सुधारने के लिए सौदी ने शुरू की हुई इन कोशिशों की जानकारी पाने में अमरीका असफल हुई, इसकी कबुली बर्न्स ने दी।

सीआईए प्रमुख के दावे के अनुसार सौदी अरब ने ईरान से हुई चर्चा की जानकारी साझा नहीं की हो, फिर भी अमरीका के नामांकित विश्लेषक, पूर्व सेना अधिकारी काफी पहले से ही बायडेन प्रशासन को इस मुद्दे पर आगाह कर रहे थे। खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ाकर चीन अमरीका के हितसंबंधों को चुनौती दे रहा हैं, ऐसी चेतावनी इन सभी ने दी थी। इसके अलावा बायडेन प्रशासन की बेताल नीति के कारण ही इस्रायल और सौदी अरब के साथ खाड़ी के अन्य देश भी अमरीका के विरोध में जाने लगे हैं, ऐसा बयान अमरिकी विश्लेषक लगातार करते रहे हैं। बायडेन प्रशासन जानबुझकर इन चेतावनियों को अनदेखा कर रहा हैं, ऐसी शिकायत भी अमरिकी विश्लेषक और पत्रकारों ने की थी। 

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