भारत से ‘टू प्लस टू’ वार्ता करने के लिए अमरीका की तैयारी

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – रशिया के साथ सहयोग जारी रखने के मुद्दे पर भारत को गंभीर परिणामों के इशारे एवं धमकियॉं दे रही अमरीका ने अब फिर से भारत के साथ सहयोग बढाने का सुर छेड़ा है| दोनों देशों में ‘टू प्लस टू’ वार्तालाप ११ अप्रैल से शुरू हो रहा है| इसकी तैयारी के लिए अमरीका ने सहयोगा करने का बयान किया है| खास तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र मुक्त एवं स्वतंत्र रखने पर भारत और अमरीका में सहमति की याद अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने दिलायी|

us-india-2plus2भारत रशिया से ईंधन ना खरीदे एवं रशिया से हथियार और रक्षा सामान की खरीद भी रोक दे, इसके लिए अमरीका भारत को विकल्प उपलब्ध कराएगी| इस मोर्चे पर भारत को आवश्यक सभी सहयोग अमरीका से मिलेगा, ऐसा वादा अमरिकी अधिकारी एवं नेता कर रहे हैं| लेकिन, भारत ने रशिया संबंधित नीति में बदलाव करने से इन्कार करने के बाद अमरीका ने भारत को धमकाना शुरू किया था| इस पृष्ठभूमि पर सोमवार से दोनों देशों के बीच शुरू हो रहा ‘टू प्लस टू’ वार्तालाप की अहमियत बढ़ रही है|

इस वार्ता में दोनों देशों के विदेशमंत्री एवं रक्षामंत्री शामिल होंगे| इससे पहले भारत अमरीका से भारी मात्रा में हथियार खरीदे, यह मॉंग अमरीका कर रही है| लेकिन, रशियन हथियार काफी सस्ते हैं और उनका स्थान अमरीका के महंगे हथियार नहीं ले सकेंगे, इसका अहसास भारत ने कराया है| फिर भी ‘टू प्लस टू’ वार्तालाप में अमरीका द्वारा भारत पर दबाव ड़ाले जाने की कड़ी संभावना है|

इसके साथ ही रशिया से भारत खरीद रहे ईंधन का और भारत-रशिया कुल सहयोग का मुद्दा भी अमरीका इस वार्ता में उपस्थित करेगी, यह स्पष्ट दिख रहा है| रियायत के दर में रशिया भारत को प्रदान कर रहे ईंधन से इन्कार करना भारत को मुमकिन नहीं, यह भारत के वित्तमंत्री और विदेशमंत्री ने पहले ही स्पष्ट किया था| फिर भी वार्ता के दौरान भारत पर दबाव ड़ालने के लिए अमरीका इस मुद्दे को उठा सकती है|

रशिया के साथ जारी भारत के सहयोग के गंभीर और लंबे परिणाम हो सकते हैं, ऐसा इशारा हाल ही में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के प्रमुख आर्थिक सलाहकार ने दिया था| इसके अलावा ईंधन एवं अन्य कारोबार के लिए भारत ने यदि रुपया-रुबल का इस्तेमाल किया तो अमरीका के कड़े प्रतिबंध भारत को नुकसान पहुँचाएँगे, यह इशारा अमरीका दे रही है| लेकिन, भारत के रिज़र्व बैंक ने ऐलान किया है कि, रशिया के साथ ऐसे कारोबार की व्यवस्था अभी नहीं हुई है।

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