अंदरुनि स्तर पर नाकाम साबित होने के बावजूद अमरिकी हुकूमत अन्य देशों पर अपना लोकतंत्र थोंप रही है – रशिया की आलोचना

मास्को/वॉशिंग्टन – ‘रशिया में एक कहावत है; जो कुछ भी करना नहीं जानता वह हमेशा दूसरे को पाठ पढ़ाता है| अमरीका भी यही कर रही है| अमरीका का नेतृत्व अपने ही देश में लोकतंत्र को बचाने में असफल रहा है| लेकिन, अन्य देशों पर लोकतंत्र थोंपने का उनका आवेश अब भी कायम है’, ऐसा करारा तमाचा रशिया की नैशनल कौन्सिल के सदस्य युरी ऐवेरिनोव ने लगाया है| अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने बीते हफ्ते ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ का आयोजन किया था| इस परिषद के लिए रशिया और चीन को न्यौता नहीं दिया था|

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन द्वारा आयोजित इस ‘समिट फॉर डेमोक्रसी’ में विश्‍व के १०० से अधिक देशों के राष्ट्रप्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए थे| इस परिषद में बायडेन ने कुछ रपटों का ज़िक्र करके दावा किया था कि, विश्‍व में लोकतंत्र की व्यवस्था को झटके लग रहे हैं| साथ ही तानाशाह और एकतंत्री शासकों द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा है और यह नेता अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए जो चाहिये उस मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह आरोप भी उन्होंने लगाया था|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की इस परिषद पर रशिया और चीन से तीव्र प्रतिक्रियाएं दर्ज़ हुई थीं| चीन ने असली लोकतंत्र हमारे यहां होने का बयान करके अमरीका लोकतंत्र का इस्तेमाल हथियार की तरह कर रही है, यह आरोप लगाया था| इसके बाद अब रशिया ने भी अमरीका के लोकतंत्र की आलोचना की है|

‘अमरीका का धनिक वर्ग आज भी अपना ही देश एकमात्र महासत्ता होने की बात दिखाने की कोशिश कर रहा है| विश्‍व में अपने वर्चस्व को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता और पूरा विश्‍व सिर्फ अमरीका के ही बल पर चलना चाहिए, यह उनकी सोच है| अमरीका ही लोकतंत्र का एक आदर्श नमूना है, यह जताने के लिए अमरिकी नेतृत्व सिर्फ वैचारिक खेल खेलता है| विश्‍व का कौनसा देश लोकतंत्र के दायरे में है, यह बताने का नैतिक अधिकार हमारा है, इसी विचार में अमरीका अब भी है’, इन शब्दों में रशिया के नैशनल कौन्सिल के सदस्य युरी ऐवेरिनोव ने आलोचना की|

रशियन अखबार को दिए गए साक्षात्कार के दौरान ऐवेरिनोव ने दावा किया है कि, अमरीका को लोकतांत्रिक देश मानना संभव ही नहीं है|’

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