भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ ने, नाम लिए बिना किया चीन की ओर इशारा

मेलबर्न – भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन ‘क्वाड’ देशों के विदेशमंत्रियों की बैठक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुई। मुक्त एवं स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक के लिए इस क्षेत्र के देशों को सहायता प्रदान करने के लिए ‘क्वाड’ बाध्यकारी होने का बयान चारों देशों के विदेशमंत्रियों ने जारी किए संयुक्त निवेदन में किया है। साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को जुल्म-ज़बरदस्ती से बचाकर सुरक्षित रखने के लिए क्वाड वचनबद्ध होने का दावा इस संयुक्त निवेदन में किया गया है। ‘क्वाड’ के इस निवेदन में भले ही सीधा नाम लिया ना गया हो, फिर भी वह चीन को लक्ष्य करनेवाला होने की बात दिख रही हैं।

‘क्वाड’ का नाम लिए बिना‘क्वाड’ के विदेशमंत्रियों की यह चौथी बैठक है और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में इसका आयोजन किया गया। इस बैठक में इंडो-पैसेफिक क्षेत्र स्थिर एवं सुरक्षित रखने के लिए इस क्षेत्र के देशों को हर तरह की सहायता प्रदान करने पर सहमति हुई। साथ ही इस क्षेत्र के देशों की किसी के जुल्म एवं ज़बरदस्ती से सुरक्षा करके उनके हितसंबंधों की सुरक्षा करने का वादा ‘क्वाड’ के संयुक्त निवेदन में किया गया है। इस क्षेत्र के देशों की संप्रभुता एवं अखंड़ता का वादा करनेवाले अन्तर्राष्ट्रीय नियमों पर आधारित स्वतंत्र, मुक्त एवं सर्वसमावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की हमें उम्मीद होने का इशारा ‘क्वाड’ देशों ने इस दौरान दिया।

खास तौर पर साऊथ एवं ईस्ट चायना सी क्षेत्र की चुनौतियों का ज़िक्र करके, अन्तर्राष्ट्रीय समुद्री नियमों के दायरे में इन समस्याओं का हल निकाला जाए, यह माँग ‘क्वाड’ ने उठाई है। इसके अलावा इस क्षेत्र के देशों पर आर्थिक दबाव बनातीं नीतियों को ‘क्वाड’ का विरोध रहेगा और ‘क्वाड’ इसके विरोध में काम करेगा, यह वादा इस निवेदन से किया गया है। इसके साथ ही मुंबई पर हुए २६/११ के एवं पठाणकोट में हुए आतंकी हमले का निषेध भी ‘क्वाड’ के इस निवेदन में किया गया है।

सीमा के उस ओर से निर्यात हो रहें आतंकवाद के विरोध में पुख्ता भूमिका अपनाकर, आतंकियों का नेटवर्क नष्ट करने के लिए काम करने का निर्धार ‘क्वाड’ देशों ने किया है। अफ़गानिस्तान की भूमि का, दूसरें देश के विरोध में आतंकी हमले करने की साज़िश करने के लिए इस्तेमाल ना हो। वहाँ पर आतंकियों के अड्डे ना बनें, ऐसी चेतावनी इस निवेदन मे दी गयी है। प्रशासनीय व्यवस्था ना होनेवाले अफ़गानिस्तान जैसें देश के आतंकियों की गतिविधियों से, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को खतरा होने का बयान ‘क्वाड’ ने किया है।

साथ ही ‘क्वाड’ की इस बैठक में यूक्रैन के मुद्दे पर चर्चा होने की जानकारी अमरीका के विदेशमंत्री एन्थनी ब्लिंकन ने साझा की। गौरतलब है कि ‘क्वाड’ की इस बैठक के पहले आयोजित एक समारोह में बोलते समय भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने यह उम्मीद जताई है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ‘क्वाड’ अधिक सक्रिय और व्यापक भूमिका अपनाएँ। इस समुद्री क्षेत्र में चीन द्वारा जारी वर्चस्ववादी हरकतों के विरोध में ‘क्वाड’ का गठन हुआ है। लेकिन, इस क्षेत्र में अभी तक ‘क्वाड’ की गतिविधियाँ सच्चे मायने में शुरू नहीं हुई हैं। इस कारण सिर्फ बयान, ऐलान और चेतावनियों के ज़रिये चीन को रोकना मुमकिन नहीं होगा। इसके लिए इससे भी आगे जाकर कोशिश करनी होगी, इसपर भारत के विदेशमंत्री ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

भारतीय विश्‍लेषकों ने भी इस बात की ओर पहले भी ध्यान आकर्षित किया था। ‘क्वाड’ को लेकर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने कितनी भी बयानबाजी की हो, लेकिन असल में चीन के विरोध में बायडेन का प्रशासन कुछ भी होने नहीं देगा, ऐसा आरोप भारतीय विश्‍लेषकों ने लगाया था। इस वजह से, ‘क्वाड’ के संयुक्त निवेदन के दावे सच्चाई में उतारने के लिए बायडेन प्रशासन चीन के विरोध में कितने पुख्ता निर्णय करता है, इसपर काफी कुछ निर्भर होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.