पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध, ईरान के साथ हो रहे परमाणु समझौते में समस्या साबित होंगे – रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह

मॉस्को/लंडन/तेहरान – अमरीका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर जारी चर्चा अंतिम चरण में होकर, जल्द ही यह समझौता होने के संकेत मिल रहे हैं। युरोपीय देशों ने इसकी जानकारी दी। ईरान ने इस समझौते के लिए अपने विदेश मंत्री को वियना रवाना करने का ऐलान किया है। इससे ऐसे दावे किए जा रहे हैं की आनेवाले कुछ ही घंटों में यह समझौता संपन्न होगा। लेकिन अमरीका और पश्चिमी देशों में रशिया पर लगाए प्रतिबंध इस परमाणु समझौते में रोड़ा पैदा कर सकते हैं, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने दी।

ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए वियना में जारी चर्चाओं में सहभागी हुई ब्रिटिश राजनयिक अधिकारी स्टेफनी अल-काक ने सोशल मीडिया मैं अहम जानकारी दी। ‘‘हम ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के बहुत नजदीक पहुँचे हैं। ब्रिटेन, फ्रान्स तथा जर्मनी इन ‘ई3’ देशों के चर्चा करनेवाले राजनयिक अधिकारी अगली तैयारी के लिए स्वदेश रवाना हो रहे हैं’’, ऐसा स्टेफनी ने घोषित किया।

युरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल और ईरान के विदेश मंत्री हुसेन अमिरअब्दोल्लाहिया के बीच भी इस संदर्भ में सकारात्मक चर्चा संपन्न हुई। पिछले 11 महीनों से जारी चर्चा अब अंतिम चरण में पहुँची होने का ऐलान ईरान के विदेश मंत्रालय ने किया। इस परमाणु समझौते में सहभागी होने के लिए वे भी वियना रवाना होंगे, ऐसा विदेश मंत्री अमिरअब्दोल्लाहिया ने स्पष्ट किया। लेकिन पश्चिमी देश परमाणु समझौता करने की जल्दबाजी में ईरान की माँगों को अनदेखा ना करें, ऐसा ईरान ने जताया।

अमरीका, युरोपीय देश और ईरान ने परमाणु समझौते के संदर्भ में सकारात्मक संकेत देने के कारण, अगले हफ्ते तक यह समझौता संपन्न होगा, ऐसे दावे अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम करने लगे। लेकिन इस चर्चा में सहभागी रशिया की भूमिका विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने रखी। पिछले दस दिनों से युक्रेन में जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए हैं, इस पर विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह ने गौर फरमाया।

‘परमाणु समझौता सुचारू रूप में संपन्न हुआ होता। लेकिन पश्चिमी देशों ने रशिया पर जो कुछ आक्रामक प्रतिबंधों का आइसबर्ग थोंपा है और जो अभी भी जारी ही है, उसे मद्देनज़र रखते हुए, रशिया पश्चिमी देशों से इस बारे में अधिक सुस्पष्टता चाहता है। क्योंकि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रशिया का ईरान के साथ व्यापारी, लष्करी सहयोग और निवेश बाधित तो नहीं होगा, ऐसा सवाल लव्हरोव्ह ने किया।

‘पश्चिमी देशों के रशिया पर थोपे प्रतिबंध ही इस परमाणु समझौते में समस्या साबित नहीं होंगे, इसकी अमरीका रशिया को लिखित गारंटी दें। साथ ही, इस समझौते के अनुसार ईरान के नागरी परमाणु समझौते की सहायता करने के लिए रशिया और चीन को अनुमति मिलेगी, इसका उत्तर भी पश्चिमी देश दें’, ऐसा लॅव्हरोव्ह ने कहा है। इस प्रकार ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए उत्सुक होनेवाली अमरीका की रशिया ने घेराबंदी की है, इस बात पर अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम गौर फरमा रहे हैं।

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