भारत-बांगलादेश डीजल पाइपलाइन का उद्घाटन

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना की वर्चुअल मौजुदगी में दोनों देशों के बीच १३१ किलोमीटर दूरी के पाइपलाइन का उद्घाटन हुआ। इस पाइपलाइन से भारत हर वर्ष करीबन दस लाख मेट्रिक टन डीजल बांगलादेश को प्रदान करेगा। करीबन ३७७ करोड़ रुपयों की लागत से बनाई इस पाइपलाइन की वजह से डीजल की यातायात का खर्चा कम होगा। इससे दोनों देशों को काफी लाभ मिलेगा, यह कहकर प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसका स्वागत किया। 

डीजल पाइपलाइनभारत और बांगलादेश के सहयोग का नया पर्व शुरू हुआ है, यह कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने इस पाइपलाइन प्रकल्प की अहमियत रेखांकित की। साल २०१८ में इस प्रकल्प की नींव रखी गई। इससे पहले भारत रेल मार्ग से बांगलादेश को डीजल की आपूर्ति कर रहा था। इसके लिए यातायात पर हो रहा खर्चा और इस दौरान हो रहा कार्बन उत्सर्जन अब काफी कम हुआ है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इसपर संतोष व्यक्त किया। कोरोना की महामारी के दौरान भी दोनों देशों को जोड़नेवाली इस पाइपलाइन का काम रुका नहीं था, इसपर प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

मौजूदा समय में कई विकासशील देश अन्न और ऊर्जा सुरक्षा के लिए कड़ी कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में भारत और बांगलादेश ने इस पाइपलाइन का प्रकल्प पूरा करके अपनी ऊर्जा सुरक्षा निर्धारित की हैं। यह दोनों देशों की बढ़ती कनेक्टिविटी का अच्छा उदाहरण हैं, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने बांगलादेश के प्रधानमंत्री की सराहना की। प्रधानमंत्री शेख हसिना ने दूरदर्शिता से साल १९६५ तक दोनों देशों के बीच शुरू रही रेल सेवा फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। यह सेवा शुरू हुई और इससे कोरोना के दौर में बांगलादेश को काफी बड़ा लाभ प्राप्त हुआ था, इसकी याद प्रधानमंत्री ने ताज़ा की।

कोरोना के दौर में भी भारत ने रेल मार्ग से बांगलादेश को रेल मार्ग से वैक्सीन और ऑक्सिजन की आपूर्ति की थी, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। भारत और बांगलादेश रेल, बिजली, परिवहन और डिजीटर मार्ग से एक-दूसरें से हर मुमकिन मात्रा में जुड़ेंगे, उतनी ही मात्रा में दोनों देशों की जनता एक-दूसरे से मज़बूती से जुड़ेगी, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री ने दिया। बांगलादेश को फिलहाल भारत १,१०० मेगावैट बिजली प्रदान कर रहा हैं। बांगलादेश के पेट्रोलियम क्षेत्र में भारत का व्यापार एक अरब डॉलर्स से भी अधिक हुआ हैं, ऐसी जानकारी प्रधानमंत्री ने इस दौरान साझा की। हाइड्रो कार्बन क्षेत्र में भी भारत और बांगलादेश का सहयोग जारी होने की बात प्रधानमंत्री ने कही।

इस तरह से बांगलादेश के विकास के लिए भारत योगदान दे रहा हैं और बांगलादेश की प्रगति पर भारत को संतोष हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। इसी बीच भारत और बांगलादेश का यह सहयोग रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम होगा। पिछले कुछ सालों से चीन योजना के तहत बांगलादेश पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिस कर रहा था। इसके ज़रिये बांगलादेश को भारत के खिलाफ अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना चीन ने बनाई थी। लेकिन, पाकिस्तान और श्रीलंका इन देशों का चीन ने किया शोषण देखकर सावध हुए बांगलादेश का नेतृत्व चीन के सहयोग से सही समय से पीछे हटा था। इसके बाद भारत और बांगलादेश का सहयोग अधिक मज़बूत हुआ और इससे दोनों देशों को लाभ प्राप्त हो रहा हैं। 

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