ताइवान अति प्रगत लड़ाकू विमानों के निर्माण मे अमरीका का सहयोग चाहता है

ताइपे – ताइवान की वायु सेना हर दिन चीन के लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के विरोध में हरकत में आ रही हैं। ताइवान के बेड़े में अमरीका के ‘एफ-16’ और फ्रेंच निर्माण के ‘मिराज’ विमान मौजूद हैं। लेकिन, चीन के हवाई खतरे का मुकाबला करने के लिए ताइवान को नई पिढ़ी के उन्नत लड़ाकू विमानों का निर्माण करने में अमरीका के सहयोग की उम्मीद है। ‘एरोस्पस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन’ (एआईडीसी) ने अमरीका से यह गुहार लगाई है। 

लड़ाकू विमानोंताइवान की सुरक्षा के लिए बना चीन का खतरा बढ़ रहा हैं। चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है। ऐसा हुआ तो इस समुद्री एवं हवाई क्षेत्र पर चीन का प्रभाव बढ़ेगा। साथ ही ताइवान स्तित सेमीकंडक्टर्स के बाज़ार पर भी चीन का कब्ज़ा हो जाएगा, यह ड़र जताया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर बायडेन प्रशासन ताइवान को हथियारों से सज्जित करें, यह मांग अमरीका में जोर पकड़ रही हैं।

लेकिन, ताइवान के ‘एसआईडीसी’ ने यह मांग की है कि, अमरिकी सहायता से हथियारों से सज्जित होने के बजाय अति प्रगत और नई पिढ़ी के लड़ाकू विमानों का निर्माण करने में अमरीका ताइवान को सहायता प्रदान करें।

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