अमरीका ने रशियन निधि यूक्रेन को सौंप दिया – एटर्नी जनरल मेरिक गार्लंड का ऐलान

वॉशिंग्टन/किव – रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका और पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इसमें रशियन उद्यमि और नागरिकों की संपत्ति कुर्क करने के साथ इसपर कब्ज़ा करने की कार्रवाई भी शामिल थी। इस तरह से जब्त की हुई संपत्ति और निधि हर्जाने के तौर पर हमे प्रदान हो, ऐसी मांग यूक्रेन की हुकूमत ने की थी। इसे अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने समर्थन प्रदान किया है और अमरीका ने ऐसे जब्त किया हुआ रशिया का निधी यूक्रेन को सौंप दिया है। अमरिकी एटर्नी जनरल मेरिक गार्लंड ने यह ऐलान किया।  

मेरिक गार्लंडपिछले वर्ष रशियन उद्यमी कॉन्स्टेंटिन मैलोफियेव की संपत्ति एवं निधि अमरीका ने कुर्क की थी। मैलोफियेव ने क्रिमिया के विद्रोही गुटों को निधि प्रदान करने का दावा अमरीका ने किया था। यह कार्रवाई करते समय जारी किए निवेदन में यह जानकारी साझा की गई थी कि, अमरिकी बैंकों में जमा लाखों डॉलर्स का निधी जब्त किया गया है। यही निधी यूक्रेन की सरकार को सौपा गया है। 

मेरिक गार्लंडरशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रशिया पर प्रतिबंध लगाकर उसकी अर्थव्यवस्था कमज़ोर करके उसके युद्ध अभियान में बाधा बनाने के इरादे पश्चिमी देशों के साथ उनके सहयोगी देशों ने व्यक्त किए थे। इसमें रशियन कंपनियां और उद्यमियों की विदेशों में स्थित संपत्ति और राशि को लक्ष्य किया गया। इस अभियान के लिए ‘द रशियन एलिटस्‌‍, प्रॉक्सीज्‌‍ ॲण्ड ऑलिगार्कस्‌‍ टास्क फोर्स’ का गठन भी किया गया। इसमें अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, जापान, फ्रान्स, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली और यूरोपियन कमिशन शामिल हैं।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के करीबी लोगों के साथ रशियन हुकूमत की सहायता कर रहे सभी को लक्ष्य करना ही इस टास्क फोर्स का प्रमुख उद्देश्य था। पिछले वर्ष से इस टास्क फोर्स के माध्यम से रशियन कंपनियां और उद्यमियों की करीबन ५८ अरब डॉलर्स की संपत्ति एवं निधि कुर्क किया गया है। इस टास्क फोर्स ने अब रशियन कंपनियां और उद्यमियों के अलावा रशिया की सहायता कर रहे अन्य देशों पर भी ध्यान केंद्रित करने की जानकारी सामने आयी है। 

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