अरुणाचल प्रदेश पर चीन जता रहे दावों पर ‘वीवीपी’ का प्रत्युत्तर

नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के ११ ठिकानों के नए नाम घोषित करके चीन ने भारत को उकसाने की कोशिश की। यह क्षेत्र हमारा ही हैं और यहां के नाम बदलने का सार्वभूम अधिकार हम रखते हैं, ऐसा चीन ने कहा था। इसके ज़रिये भारत को बेचैन करने के लिए चीन ने बनाई इस रणनीति को भारत अधिक प्रभावी जवाब देता दिखने लगा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा सोमवार को अरुणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे, यह ऐलान किया गया है। चीन की ‘एलएसी’ के करीबी अरुणाचल प्रदेश के गांव पहुंचकर केंद्रीय गृहमंत्री ‘वायब्रंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) का ऐलान करेंगे।

अपने इस दो दिन के अरुणाचल प्रदेश के दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री ‘एलएसी’ के करीबी किबिथू गांव पहुंच रहे हैं। ‘वीवीपी’ के तहत केंद्र सरकार ने करीबन ४,८०० करोड़ रुपयों का प्रावधान किया है। अरुणाचल प्रदेश, सीक्किम, उत्तराखंड़, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के केंद्रीय प्रदेश के कुल १९ जिलों के २,९६७ गांवों के लिए यह योजना कार्यान्वित की जा रही हैं। वहां के दुर्गम गांव सड़क से जोड़ने के लिए ‘वीवीपी’ के लिए प्रावधान किए गए निधी में से २,५०० करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इस वजह से चीन की सीमा से करीबी गांवों में जनता का जीवन सुधरेगा, यह विश्वास जताया जा रहा है। साथ ही इससे स्थानिय लोगों को अपना स्थान छोड़े बिना विकास करने के अवसर उपलब्ध होंगे। इससे सरहदी इलाकों की सुरक्षा अधिक सुनिश्चित होगी, यह विश्वास केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अपने निवेदन में व्यक्त किया है। इसके लिए जिला प्रशासन एवं ग्रामपंचायतों को एकजूटता से काम करना होगा, ऐसा संदेश भी केंद्रीय गृहमंत्रालय के निवेदन से दिया गया है।

पेयजल, सौर और पवनऊर्जा निर्माण के साथ ही इन सरहदी गांवों में मोबाईल और इंटरनेट की कनेक्टिविटी बढ़ाए जा रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य संबधित सुविधा विकसित करने पर भी वीवीपी के ज़रिये जोर दिया जाएगा। वहां पर पर्यटन का विकास करने के लिए केंद्रों का निर्माण किया जाएगा, ऐसी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साझा की। एलएसी के करीबी क्षेत्र में चीन द्वारा बढ़ाई जा रही गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर केंद्रीय गृहमंत्रालय के ‘वीवीपी’ की अहमियत अधिक बढ़ती दिख रही हैं।

अरुणाचल प्रदेश एवं ईशान्य के अन्य राज्यों में भारतीय नेताओं ने दौरा करने पर चीन ने समय समय पर नाराज़गी जताई थी। इन दौरों का द्विपक्षीय संबंधों पर असर हो रहा हैं, यह कहकर चीन भारतीय नेताओं ने ईशान्य के राज्यों का दौरा करने पर आपत्ति जता रहा हैं। चीन की इस साज़िश पर गौर करके केंद्र सरकार ने ईशान्य के राज्यों पर अधिक ध्यान देने का रणनीतिक निर्णय किया था।

इसके अनुसार एलएसी के करीबी दुर्गम गांवों का विकास किया जा रहा हैं और वहां की जनता का इसपर काफी ज्यादा समर्थन प्राप्त होने लगा हैं। यह बात चीन को अधिक निराश कर रही हैं और वहां शुरू बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजनाओं की गति देखकर चीन ने इसपर आपत्ति जताना भी छोड़ दिया था। अब केंद्रीय गृहमंत्री का अरुणाचल प्रदेश दौरा और वीवीपी के ज़रिये भारत चीन के दावों पर अधिक प्रभावी प्रत्युत्तर देता दिखाई दे रहा हैं। 

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