रशिया से व्यापार करना बंद करने के लिए यूएई पर पश्चिमी देशों का दबाव – ब्रिटिश अखबार का दावा

वॉशिंग्टन/दुबई/मास्को – रशिया-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा होने के बाद भी यूक्रेन पर रशिया के जोरदार हमले जारी हैं। अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए सख्त प्रतिबंधों का इस देश पर और युद्ध पर खास असर नहीं पडा है, ऐसा बार-बार सामने आ रहा है। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र अब पश्चिमी देशों ने लक्ष करना शुरू किया है। खाड़ी के प्रमुख देश ‘यूएई’ पर दबाव डाला जा रहा है और अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में इस देश का दौरा किया था। इस दौरान रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का अहसास दिलाकर रशिया के साथ यूएई व्यापार को घटाए, ऐसी समझाया गया है। 

रशिया से व्यापारयूक्रेन और यूक्रेन का समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों ने रशिया-यूक्रेन युद्ध में रशिया का भीषण नुकसान होने के दर्शानेवाले आंकड़े लगातार जारी किए हैं। रशिया ने लगभग एक तिहाई सैन्य क्षमता खो दी है, ऐसे दावे भी किए गए थे। इसके बावजूद रशियन हमलों की तीव्रता कम नहीं हुई है। पश्चिमी देश और सहयोगी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रशिया की अर्थव्यवस्था एवं रक्षा उत्पादन पर खास असर दिखाई नहीं दिया है। इसके पीछे चीन, तुर्की, ईरान, यूएई, उत्तर कोरिया जैसे देशों से रशिया को प्रदान हो रहा रक्षा सामान एक अहम मुद्दा रहा। इसकी वजह से अब पश्चिमी देशों ने रशिया का सहयोग करने वाले देशों को लक्ष्य करना शुरू किया है।

पिछले महीने जेम्स ओब्रायन (अमरीका), डेविड ओ सुलिवन (ईयू) और डेविड रीड (ब्रिटेन) इन अधिकारियों के साथ पश्चिमी शिष्टमंड़ल ने यूएई का दौरा किया। इस दौरान वर्णित शिष्टमंड़ल ने रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध और इसके कार्यान्वयन के मुद्दों का यूएई के अधिकारियों को अहसास कराया। यूएई द्वारा रशिया को कुछ संवेदनशील सामान ‘रिएक्सपोर्ट’ किया जा रहा है और यह मुद्दा समस्या खड़ी करता है, ऐसा यूएई को समझाए जाने का बयान एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया। ब्रिटेन स्थित शीर्ष अखबार ‘द फाइनान्शियल टाईम्स’ ने यह वृत्त प्रदान किया है।

यूएई ने पिछले साल रशिया को कुल २८.३ करोड़ डॉलर्स के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात करने की जानकारी सामने आयी है। इसमें माइक्रोचिप्स और ड्रोन्स जैसे उत्पादों का समावेश है। कुछ धनिक रशियन उद्यमी और नामांकित नागिरकों द्वारा यूएई का इस्तेमाल अपनी संपत्ति सुरक्षित रखने के लिए ‘सेफ हेवन’ के तौर पर किया जा रहा है, यह भी कहा जाता है। पश्चिमी शिष्टमंड़ल ने इन सभी मुद्दों पर यूएई की यंत्रणाओं का ध्यान आकर्षित किया है और आगे भी यह चर्चा जारी रहेगी, ऐसे संकेत भी दिए हैं।

कुछ ही दिन पहले अमरीका में एक समारोह में कोषागार विभाग की वरिष्ठ अधिकारी एलिज़ाबेथ रोज़ेनबर्ग ने रशिया और कुछ देशों के बीच जारी व्यापार बड़ी संदिग्धता से बढ़ने की ओर ध्यान आकर्षित किया। युद्धभूमि पर उपयोगी एवं प्रतिबंधित रशियन कंपनियों को प्रदान होने वाले उत्पादों के व्यापार का मुद्दा चिंताजनक है, ऐसा इशारा रोज़ेनबर्ग ने दिया। इस दौरान उन्होंने यूएई द्वारा रशिया को निर्यात हो रहे सेमीकंडक्टर डिवाइस का भी ज़िक्र किया।

पीछले महीने यूएई में अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस प्रदर्शन में रशिया का स्टॉल प्रतिनिधियों के साथ माध्यमों का भी ध्यान आकर्षित कर रहा था। रशिया के उप-प्रधानमंत्री डेनिस मांतूरोव ने इस दौरान यूएई का दौरा किया था। तथा उन्होंने रशिया और यूएई के बढ़ते व्यापार का भी ज़िक्र किया था। पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रशिया-यूएई व्यापार बढ़कर ९ अरब डॉलर्स तक पहुंचने का बयान मांतूरोव ने किया था। दो देशों के व्यापार में ईंधन के अलावा सामान के व्यापार में कुल ५७ प्रतिशत बढ़ोतरी होती दिखाई दी है। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र पश्चिमी देशों का यूएई पर दबाव डालना ध्यान आकर्षित करता है। 

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